सुलतानपुर में सामूहिक दुराचार के दोषियों को 20 साल की सजा

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Published By Jagat Mishra
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सुलतानपुर, अमृत विचार। थाना क्षेत्र करौंदीकला के एक गांव में तीन साल पूर्व 16 साल की किशोरी के साथ दुष्कर्म व हत्या की धमकी देने के दोषियों को पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश नीरज श्रीवास्तव ने बुधवार को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोषियों पर 50 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया है। अदालत ने अर्थदंड की सम्पूर्ण धनराशि पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति देने का आदेश भी दिया है। 
 
एडीजीसी रवींद्र प्रताप सिंह के मुताबिक 5 मई 2022 को किशोरी  सुबह चार बजे शौच के लिए गई थी।  दोषी रवि हरिजन और शिवनाथ ने उसे जबरन गांव के स्कूल में ले जाकर दुराचार की वारदात को अंजाम दिया तथा किसी को बताने पर हत्या की धमकी दी थी। किशोरी किसी प्रकार घर पहुंचकर घर वालों से वारदात की बात बताई। किशोरी के बाबा ने डायल 112 को सूचना देते हुए घटना की तहरीर पर थाने में  पंजीकृत कराई। पुलिस ने आरोपियों  के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय भेजा। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से मुकदमे के दौरान पेश किए गये छह गवाहो के साक्ष्यों के आधार पर दोषी रवि हरिजन व शिवनाथ को 20 साल की जेल की सजा सुनाकर जेल भेज दिया।

भाजपा पूर्व विधायक गरिमा सिंह के मामले में दरोगा तलब
भाजपा की पूर्व विधायक गरिमा सिंह व उनके पुत्र आनंत विक्रम सिंह के आचार संहिता उल्लंघन के मामले में अभियोजन के दूसरे गवाह तत्कालीन दरोगा अनिल कुमार को एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने 20 जून को तलब किया है। अमेठी जिले के थाना क्षेत्र गौरीगंज में छह वर्ष  पूर्व आचार संहिता की उल्लंघन के मामले में 6 फरवरी 2017 को तत्कालीन एसओ आरपी शाही ने बिना अनुमति जुलूस निकालने पर आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था। केस चार्ज के बाद अभियोजन साक्ष्य में विचाराधीन है।

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