मेरठ: रावण की ससुराल पर 'राम का कब्जा'...अरुण गोविल बोले- अब यही राम का घर

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Published By Vishal Singh
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मेरठ। यूपी के मेरठ को रावण की ससुराल माना जाता है। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी मेरठ की रहने वाली थी, जहां पहले मय दानव का राज्य था। जिसकी वजह से पहले मेरठ को मयराष्ट्र के नाम से जाना जाता था। लेकिन अब रावण की ससुराल पर मेरठ पर राम का राज हो गया है। दरअसल, रामायण में राम का किरदार निभाने वाले और भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल ने मेरठ लोकसभा सीट से जीत हासिल की है। जिसके बाद से उन्हें जीत की बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। 

वहीं मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मेरठ की जनता ने जो उन्हें जिम्मेदारी दी है उसे पूरी ईमानदारी के साथ पूरा करने की हर कोशिश करूंगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरठ पहले रावण की ससुराल थी, लेकिन 4 जून के बाद से अब ये राम का घर हो गया है और राम जी की कृपा से वह अब यहां का राजपाट संभालेंगे। 

भगवान शिव की पूजा करती थी रावण की पत्नी
कहा जाता है कि, रावण की पत्नी मंदोदरी भैंसाली मैदान के सामने विलेश्वर नाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने जाती है। यहां पर दशहरा के समय रावण की पूजा भी होती है और पुतला दहन भी किया जाता है। जिस विलेश्वर नाथ मंदिर में रावण की पत्नी मंदोदरी पूजा करने जाती थी, वह मंदिर आज भी मेरठ में मौजूद बताया जाता है। ऐसी मान्यता है कि मंदोदरी की तपस्या से प्रसन्न होकर शिव भगावन ने उसे इसी मंदिर में दर्शन दिए थे। तब मंदोदरी ने वरदान मांगा था कि उनका पति सबसे बड़ा विद्वान और शक्तिशाली हो।

भाजपा के नव निर्वाचित सांसद अरुण गोविल कौन हैं?
बता दें, अरुण गोविल मेरठ के ही हैं, जो 1975 में व्यवसाय के सिलसिले में मुंबई चले गए। जहां उन्होंने अभिनय की दुनिया में काम करना शुरू किया। जिसके बाद उन्हें रामानंद सागर के धारावाहिक विक्रम-बेताल में विक्रमादित्य की भूमिका मिली। जिसकी लोकप्रियता के बाद रामानंद सागर ने उन्हें धारावाहिक रामायण में श्रीराम की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी दी। वहीं अरुण गोविल के राम के किरदार ने लोगों के दिलों में ऐसी छाप छोड़ी कि उनकी तस्वीर घर-घर में लगने लगी थीं। 

राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर अरुण गोविल को दिया टिकट
वहीं लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने लगातार पिछले तीन चुनाव जीतने वाले राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर मेरठ सीट से अरुण गोविल को उम्मीदवार घोषित किया था। जबकि समाजवादी पार्टी ने मेरठ की मेयर रह चुकी सुनीता वर्मा को अरुण गोविल के सामने चुनावी मैदान में उतारा। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी ने देवव्रत त्यागी को टिकट दिया था। 

वहीं मेरठ में 26 अप्रैल को दूसरे चरण में हुए मतदान में 58.94 फीसद वोटिंग हुई थी। आखिर में 4 जून को हुई मतगणना में अरुण गोविल मेरठ सीट से जीतने में कामयाब रहे। जिसके बाद से उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। वहीं अरुण गोविल का कहना है कि चुनावी नतीजों को अयोध्या और राम मंदिर से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। क्योंकि ये धार्मिक आस्था का विषय हैं।

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