कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में भाजपा को लगा तगड़ा झटका, 10 में से 6 सीटें हारे, पदाधिकारियों के उतरे चेहरे

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। क्षेत्र की 10 सीटों में 60 फीसदी सीटें भाजपा इस बार चुनाव में हार गई। क्षेत्र की 10 में से छह सीटों में हार मिलने से क्षेत्र पदाधिकारियों के चेहरे का रंग उड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ कई बड़े चेहरों ने यहां चुनाव प्रचार में दमखम लगाया पर सरकार में दो मंत्री भानु प्रताप वर्मा और साध्वी निरंजन ज्योति अपनी सीट नहीं बचा सके। 

सभी पुराने चेहरों को भी हार का सामना करना पड़ा। हालांकि फर्रुखाबाद से मुकेश राजपूत और अकबरपुर संसदीय सीट से देवेंद्र सिंह भोले तीसरी बार जीतने में कामयाब हो सके। वहीं, झांसी से अनुराग शर्मा दूसरी बार और कानपुर नगर से रमेश अवस्थी पहली बार चुनाव जीते हैं।   

भाजपा ने 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की सभी दसों सीटों पर जीत का परचम लहराया था। लेकिन, इस चुनाव में इटावा, कन्नौज, हमीरपुर, बांदा, जालौन, फतेहपुर संसदीय सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। कानपुर नगर, अकबरपुर के साथ झांसी और फर्रुखाबाद सीट ही भाजपा फिर से जीत सकी है। इस बड़ी हार के बाद कहां कमी रह गई इसपर भी मंथन शुरू हो गया है। 

क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कहा कि हमने हर सीट पर मेहनत की, लेकिन जो परिणाम आये हैं उसका मतलब साफ है कि विपक्ष ने जनता को अपने झूठे भाषणों से गुमराह किया। संविधान और आरक्षण खत्म करने के मुद्दे पर जो अफवाह विपक्ष ने फैलाई उसपर हम लोग कहीं न कहीं सफाई देने में फेल रहे। हर सीट पर हार का मंथन किया जा रहा है। रिपोर्ट केंद्र को भेजी जायेगी।

सपा ने 5 वर्ष बाद फिर चखा जीत का स्वाद

कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की वीआईपी सीट कन्नौज पर अखिलेश ने जीत का परचम लहराया है। सपा ने यहां 5 साल बाद फिर से जीत दर्ज की है। वहीं, जालौन में केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप वर्मा तो फतेहपुर में साध्वी निरंजन ज्योति की हार से उनकी हैट्रिक की हसरत अधूरी रह गई। भाजपा के लिए राहत की बात यह रही कि उसके तीन पूर्व सांसद और एक नये प्रत्याशी अपनी साख बचाने में कामयाब रहे। 

इटावा, बांदा, हमीरपुर भी भाजपा हारी

इटावा में सपा के जितेंद्र दोहरे ने भाजपा के प्रो. रामशंकर कठेरिया को हरा दिया। वहीं, बांदा में भाजपा के आरके पटेल को सपा के कृष्णा पटेल के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा। हमीरपुर में भी कांटे की टक्कर में पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को सपा के अजेंद्र सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा। हमीरपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं की मांग के बाद यहां बीस बूथों की मतगणना दोबारा करानी पड़ी। जिसके बाद भी सपा की जीत निकली। वहीं, फतेहपुर सीट से लगातार दो बार से चुनाव जीत रहीं केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के सामने सपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने तगड़ी चुनौती देते हुए उन्हें हरा दिया।

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