संतकबीरनगर: जमीनी विवाद में गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा महुई गांव, एक युवक की मौत, चार घायल

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Published By Deepak Mishra
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धारदार हथियारों के हमले में चार घायल, हालत गम्भीर 

संतकबीरनगर, अमृत विचार। जमीनी विवाद को लेकर शनिवार की देर शाम कोतवाली खलीलाबाद क्षेत्र का महुई गांव जंग का मैदान बन गया। सगे पट्टीदारों के बीच हुए खूनी संघर्ष में कई राउंड फायरिंग हुई। जिसमें गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई और धारदार हथियारों के हमले में चार लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए। घायलों की हालत भी बेहद गम्भीर बताई जाती है और उनका उपचार मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में जारी है।

मिली जानकारी के अनुसार महुई गांव में जमीन के एक टुकड़े को लेकर इंद्रजीत यादव और धर्मेंद्र यादव के बीच काफी समय से विवाद चला आ रहा था। शनिवार की सुबह एक पक्ष जमीन पर मिट्टी डालने लगा। इसपर दूसरे पक्ष ने ऐतराज जताया तो दूसरा पक्ष मान गया। इसके बाद शनिवार की देर शाम लगभग 8.30 बजे वह पक्ष ट्राली ट्रैक्टर से दुबारा मिट्टी डालने लगा।   दूसरे पक्ष के 28 वर्षीय धर्मेंद्र यादव पुत्र रामनयन यादव ने मौके पर पहुंच कर इसका विरोध किया। आरोप है कि दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति ने धर्मेंद्र यादव पर फायर झोंक दिया।

इस हमले में धर्मेंद्र यादव के सिर हाथ और पेट में तीन गोलियां लगीं और धर्मेंद्र यादव जमीन पर गिर कर तड़पने लगा। धर्मेंद्र यादव की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। दूसरे पक्ष ने गांव में दहशत फैलाने की नियत से कई राउंड फायरिंग किया। धर्मेंद्र यादव के चचेरे भाई रिंकू यादव ने बताया कि भाई को बचाने के लिए जब उसके पिता योगेन्द्र यादव, भाई धर्मदेव यादव और चाचा बजरंगी यादव पहुंचे तो लगभग एक दर्जन की संख्या में मौजूद हमलावरों ने उनपर तलवार और अन्य धारदार हथियारों से हमला बोल दिया। उक्त हमलावरों ने ताबड़तोड़ प्रहार कर सभी को लहूलुहान कर दिया।

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गोलियों की तड़तड़ाहट और घायलों की चीख-पुकार सुनकर तमाम ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो हमलावर उन्हें जान-माल की धमकियां देते हुए मौके से फरार हो गए। लोगों ने सभी घायलों को उठाकर जिला अस्पताल पहुंचाया जहां मौजूद चिकित्सकों ने धर्मेंद्र यादव को देखते ही मृत घोषित कर दिया और शेष घायलों का उपचार शुरू किया।

घटना की सूचना पर जिला अस्पताल पहुंचे अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने पीड़ित पक्ष से घटना की पूरी जानकारी लेते हुए आरोपियों के खिलाफ कठोरतम कार्यवाही का भरोसा दिलाया। कुछ देर के उपचार के बाद घायलों की हालत गंभीर देख डाक्टरों ने उन्हें मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया। 

सूचना के आधे घंटे बाद भी नहीं पहुंचे चौकी प्रभारी तामेश्वरनाथ 

शनिवार की रात 9 बजे जब महुई गांव के लोग खाना खाकर सोने की तैयारियां कर रहे थे तभी एकाएक गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा गांव गूंज उठा। फायरिंग की आवाज सुनकर कुछ साहसी लोग घटना स्थल पर पहुंचे तो यहां का मंजर पूरी तरह रक्त रंजित दिखा। चार लोग खून से लथपथ जमीन पर पड़े थे और घर की महिलाएं और बच्चे दहाड़ें मारकर रो रहे थे। घटना की सूचना तत्काल चौकी प्रभारी तामेश्वरनाथ और कोतवाली पुलिस को दी गई लेकिन आधे घंटे बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। ग्रामीणों ने निजी वाहनों से घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया। 

बैनामा शुदा बताई जाती है विवादित जमीन 

संवाददाता, संतकबीरनगर, अमृत विचार। पीड़ित पक्ष के रिंकू यादव ने बताया कि उनके परिवार ने गांव में एक जमीन का बैनामा कराया था। उस जमीन में गांव के एक अन्य व्यक्ति का भी हिस्सा है। तहसील प्रशासन ने कुछ दिनों पूर्व उस जमीन की पैमाइश भी किया था। उसके बावजूद विपक्षी उनकी जमीन पर लगातार अवैध कब्जे का प्रयास कर रहे थे। मामले की सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई थी लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस ने सक्रियता दिखाई होती तो इतनी बड़ी घटना नहीं हुई होती। 

गांव में स्कूल चलाता था मृतक धर्मेंद्र यादव 

मृतक धर्मेंद्र यादव अपने गांव में ही स्कूल चलाता था। स्वभाव से बेहद विनम्र और मृदुभाषी धर्मेंद्र यादव की हत्या से पूरे गांव में शोक की लहर है। ग्रामीण हमलावरों की बर्बरता को लगातार कोस रहे हैं। घटना को लेकर पूरे गांव में तनाव व्याप्त है। घटना की सूचना पर मृतक के घर पहुंचे रिस्तेदारों ने कोतवाली पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हत्यारों के घरों पर बुल्डोजर चलाए जाने, हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी और लापरवाह पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग किया है।

लोगों का कहना था कि गोली चलने के तत्काल बाद चौकी प्रभारी तामेश्वरनाथ को फोन कर घटना की सूचना दी गई लेकिन चंद कदम की दूरी पर मौजूद तामेश्वरनाथ चौकी के पुलिस कर्मी आधे घंटे बाद भी घटना स्थल पर नहीं पहुंचे। पुलिस ने हमलावरों को फरार होने का पूरा मौका दिया। अन्यथा हमलावर घटना स्थल से ही गिरफ्तार हो सकते थे। 

सेना के जवान बताए जा रहे दो आरोपी 

हमलावरों में दो लोग भारतीय सेना के जवान बताए जा रहे हैं। पीड़ित परिजनों की मानें तो सेना में तैनात दोनों जवानों ने ही गोलियां चलाई हैं। शेष सहयोगियों ने तलवार और चाकुओं से हमला किया है। घटना के बाद गांव में भारी तनाव को देखते हुए कई थानों की फोर्स तैनात कर दी गई है। हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें गठित कर दी गई हैं।

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