छह सीटें हारे तो मंत्री की झोली रह गई खाली...कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल में नहीं मिली जगह

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल में नहीं मिली जगह

कानपुर, अमृत विचार। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के मंत्रिमंडल में रविवार को भले ही 72 मंत्रियों ने शपथ ली हो लेकिन, कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की झोली खाली रह गई। क्षेत्र की 10 सीटों में से 6 सीटें हारने के बाद मोदी के मंत्रिमंडल में क्षेत्र से एक भी मंत्री नहीं बनाया गया। 2019 के कार्यकाल में क्षेत्र की जालौन और फतेहपुर सीट पर मंत्री बनाए गये थे। क्षेत्र से अकबरपुर और फर्रुखाबाद सीट पर तीसरी बार जीतकर संसद पहुंचे सदस्यों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की संभावना थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। जिससे क्षेत्र को बड़ा झटका लगा है।     

कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की 10 संसदीय सीटों में इस बार सिर्फ 4 सीटें ही भाजपा के खाते में गई हैं। 6 में शिकस्त का सामना करना पड़ा। इनमें में 2 केंद्रीय मंत्री भी अपनी सीट गवां बैठे। कानपुर और अकबरपुर, फर्रुखाबाद और झांसी सीट ही भाजपा जीत सकी। अकबरपुर सीट से तीसरी बार जीतकर संसद पहुंचे देवेंद्र सिंह भोले और फर्रुखाबाद से तीसरी बार सांसद बने मुकेश राजपूत मंत्री बनने के रेस में शामिल थे।

झांसी से अनुराग शर्मा दूसरी बार और कानपुर नगर से रमेश अवस्थी पहली बार चुनाव जीते हैं। माना जा रहा है कि खराब प्रदर्शन पर कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र को यह नुकसान उठाना पड़ा है।

उन्नाव को भी नहीं मिला मंत्री

कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में भले ही उन्नाव शामिल नहीं हो, लेकिन कानपुर के समीप उन्नाव लोकसभा क्षेत्र से विषम परिस्थितियों में साक्षी महाराज तीसरी बार जीतकर संसद पहुंचे। माना जा रहा था कि साक्षी महाराज को इसका गिफ्ट मिल सकता है। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ।

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