मुरादाबाद : साथी के जाल में फंस गया अजय, अनमोल ने किया धोखा, हत्या कर लूट लिए रुपये

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Published By Bhawna
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10 लाख रुपये और 1300 ग्राम ज्वेलरी लेकर दिल्ली के लिए निकला था अजय, व्हाट्सएप कॉल कर खरीदार को नहटौर में एक बाग में बुलाकर 90 लाख की बेची थी ज्वेलरी

मुरादाबाद, अमृत विचार। अलंकार ज्वेलर्स के यहां से नौकर अजय कुमार 4 जून की सुबह 8.40 बजे 10 लाख रुपये और 1300 ग्राम ज्वेलरी लेकर दिल्ली के लिए निकला था। पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि अजय और अनमोल पहले से योजना बना चुके थे। उसी क्रम में ई-रिक्शा से करुला में डबल फाटक पहुंचते ही अनमोल की कार पर सवार हो गया था। फिर आगे चलकर अजय ने काफी कम दाम में ज्वेलरी बचे दी। फिर वह अनमोल के साथ उसकी कार पर बैठकर नहटौर पहुंचा था। नहटौर में अनमोल के निर्माणाधीन मकान में ही अनमोल व उसके अन्य दो साथियों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी और रुपये लूट लिए थे।

एसएसपी हेमराज मीना ने बताया कि पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया है कि अनमोल व अजय दोनों एक-दूसरे को पहले से ही जानते थे और गहरी दोस्ती भी थी। दोनों 2 साल पहले सेठ अलंकार अग्रवाल निवासी फूलविला ईदगाह रोड थाना कटघर के यहां साेने-चांदी के व्यापारिक प्रतिष्ठान पर काम करते थे। अनमोल ने कुछ समय पहले नौकरी छोड़ दी थी। इधर, अनमोल के पिता नया मकान बना रहे थे, उसे रुपये की जरूरत थी। अजय शेयर माॅर्केट में पैसा लगाने व कमाने का आदी था। इससे उसके पास भी रुपये खत्म हो गए थे। दोनों को रुपये की बहुत जरूरत थी। अजय अपने सेठ के यहां से रुपये व ज्वेलरी दिल्ली लाने ले जाने का काम करता था।

अनमोल व अजय दोनों ने मिलकर योजना बनाई थी कि जिस दिन ज्यादा ज्वैलरी और कैश होगा। वह दोनों उसे गायब कर देंगे और सेठ अलंकार को मनगढ़ंत कहानी बताकर लूट या टप्पेबाजी होना बता देगें। ज्वेलरी को बेच देंगे। वैसे इन लाेगों ने पहले भी ज्वेलरी व रुपये हड़पने की योजना बनाई थी लेकिन, चुनाव में सख्ती देख हिम्मत नहीं कर पाए थे। अनमोल ने सारा पैसा हड़पने के उद्देश्य से अजय की हत्या करने की योजना अपने दो दोस्तों सोहन व राजीव उर्फ राजू के साथ मिलकर बना रखी थी। 4 जून को जब अजय 10 लाख रुपये व 1300 ग्राम लेकर दिल्ली के लिए निकला और फिर वह फत्तेपुर खड़ंजा, संभल रोड पर पहले से इंतजार में मौजूद अनमोल से जा मिला।

अनमोल अपनी बैगन-आर कार से था। फिर ये दोनों कार से ज्वेलरी लेकर नूरपुर पहुंचे थे। इसके बाद नहटौर रोड पर एक बाग में गए तो अजय का परिचित व्यक्ति मिला। जिसने अजय से ज्वेलरी खरीद ली। फिर अनमोल अजय और रुपयों से भरा थैला लेकर नहटौर में अपने निर्माणाधीन पहुंचा, जहां पर पहले से ही अनमोल के दो साथी सोहन व राजीव थे। योजना के अनुसार राजीव व सोहन ने दोनों तरफ से अजय को पकड़ लिया और अनमोल ने पीछे से अजय के सिर में गोली मार दी। अजय फर्श पर गिर गया तो अनमोल ने दो गोली और मारी। अभियुक्तों ने अजय की तलाशी लेकर उसकी जेब से पर्स, मोबाइल निकाल लिए थे। अजय का चेहरा भी ने बिगाड़ दिया था। अजय के शव को कार की डिग्गी में रखकर उत्तराखंड ले गए थे। एसएसपी ने खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 15,000 रुपये के पुरस्कार की घोषणा की

शव उत्तराखंड में और मोबाइल दिल्ली में फेंका
एसएसपी ने बताया कि घटना खुले ना, इसके लिए अनमोल ने मृतक अजय के शव को उत्तराखंड के जंगल में फेंक आया था और उसके मोबाइल को ऑन कर गाजियाबाद-दिल्ली के बीच दिलशाद गाॅर्डन मैट्रो स्टेशन के पास झाड़ियों में फेंका था। अजय रुपये व ज्वेलरी लेकर निकलने के घंटे भर बाद फोन बंद कर दिया था। दूसरे दिन वह फोन ऑन हुआ और उसकी लोकेशन बिजनौर क्षेत्र में मिली। फिर दिल्ली के दिलशाद गॉर्डन में लोकेशन मिली थी।

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इस तरह सफल हुई पुलिस
एसएसपी ने बताया कि घटना के खुलासे के लिए एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया व सीओ कटघर रुद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में थाने की टीम और एसओजी लगी थी। सफलता नहीं मिली थी। फिर कॉल डिटेल, सीडीआर का अध्ययन किया गया। इसी बीच अनमोल प्रकाश में आया। फिर सीडीआर में जो लाेकेशन मिली, उसके आसपास ही अनमोल के फोन की मिली थी। मृतक अजय ने ज्वेलरी बचने को पहले से किसी से बातचीत कर रखी थी। उसी क्रम में उसने 90 लाख रुपये में ज्वेलरी बेची थी। एसएसपी ने बताया कि अनमोल की कार पर खून की छीटें थीं। उसे धुलवाने को अनमोल ने कार ढाबे पर छोड़ी थी। मृतक अजय का ड्राइविंग लाइसेंस इसी कार से बरामद हुआ है। अनमोल ने अजय से छीना पूरा रुपया अपने निर्माणाधीन मकान में जमीन के अंदर रख दिया था। अनमोल ने अजय को मारने के लिए सोनू को एक लाख और शव को ठिकाने लगाने को राजू को दो लाख रुपये दिए थे।

व्हाट्सएप कॉल पर करते थे बातचीत
एसएसपी ने बताया कि तीनों अभियुक्त आपस में व्हाट्सएप कॉल कर बातचीत करते थे। पता चला है कि पूरी योजना अनमोल की थी। इसने अपने साथी सोनू व राजू को भी पूरी योजना नहीं बताई थी। सोनू व राजू के पास के तमंचों को बरामदगी बाकी है। एसएसपी ने बताया कि मृतक का मोबाइल अभी पुलिस को नहीं मिला है। इसलिए पुलिस अभी ये नहीं जान पाई कि अजय ने ज्वेलरी किसे बेची थी और अन्य कौन-कौन से राज दफन हैं। सीसीटीवी फुटेज पर भी काम कर रहे हैं। अजय के परिवार में केवल पत्नी है। एसएसपी ने बताया कि इसके नाना-मामा मुरादाबाद में ही रहते हैं।

कार्रवाई में शामिल टीम
कटघर थानाध्यक्ष तेजवीर सिंह, एसओजी प्रभारी अमित कुमार मय टीम और दरोगा ब्रजेश कुमार, देवेंद्र सिंह, विमल किशोर एवं हेड कांस्टेबल रवि राणा, कुलदीप कुमार व कांस्टेबल मोनू, मीनाक्षी। फील्ड यूनिट टीम।

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