Kannauj: पतित पावनी के महादेवी घाट पर गूंजा ‘समृद्धि’ का शंखनाद...दिव्य गंगा महोत्सव का आयोजन, काशी से आए आचार्यों ने की गंगा आरती

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Published By Nitesh Mishra
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जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की तरफ से मनाया गया दिव्य गंगा महोत्सव

कन्नौज, अमृत विचार। हमारी सांस्कृतिक विरासत को फिर से समृद्ध करने के लिए पुण्य सलिला भागीरथी के महादेवी घाट पर गंगा महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें मोक्षदायिनी की दिव्य आरती के बाद ‘समृद्धि’ का शंखनाद किया गया। वहीं, मां गंगा के भजनों की भक्ति रसधार बही तो उसमें हजारों श्रद्धालु सराबोर हो गए। महोत्सव में पर्यावरण और गंगा के संरक्षण का भी संकल्प लिया गया। 

गंगा दशहरा के पावन अवसर पर महादेवी घाट पर जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की तरफ से रविवार शाम दिव्य गंगा महोत्सव का आयोजन किया गया। प्रदेश सरकार के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण व जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने दीप प्रज्जवलन कर महोत्सव का श्री गणेश किया। इसके बाद काशी से आए आचार्यों ने दिव्य आरती की, जिसकी छटा देखते ही बन रही थी। गंगा के कलकल बहते पानी में जब आरती का प्रतिबिंब दिखाई दिया तो श्रद्धा और भक्ति जीवंत हो उठी।

गंगा भक्तों ने हर-हर गंगे के जयकारे लगाए तो घंटा-घड़ियाल और शंखनाद से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। फर्रुखाबाद से आईं प्रख्यात लोक गायिका आस्तिकी मिश्रा ने अपनी मंडली के साथ उत्कृष्ट भजन प्रस्तुत कर मनमोह लिया। काफी देर तक भक्त भजनों के अथाह सागर में गोते लगाते रहे।

जिलाधिकारी ने राज्यमंत्री को अंगवस्त्र व तुलसी का पौधा भेंटकर आमजन से पर्यावरण संरक्षण तथा गंगा को निर्मल बनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर जिला पर्यटन अधिकारी डॉ. मोहम्मद मकबूल, उप जिलाधिकारी सदर अविनाश कुमार गौतम, भाजपा जिलाध्यक्ष वीर सिंह भदौरिया समेत कई लोग उपस्थित रहे। 

भारतीय संस्कृति की पोषक हैं मां गंगे : मंत्री

समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने गंगा महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि मां गंगे हमारी भारतीय संस्कृति की पोषक हैं। इसके जल को शुद्ध, निर्मल और अविरल बनाने की जिम्मेदारी सभी की है। केंद्र व प्रदेश सरकार की तरफ से गंगा को निर्मल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इसमें जन भागीदारी आवश्यक है। धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए गंगा का संरक्षण आवश्यक है।

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