Kanpur: गंगा में टनल बनाने गुड़गांव से शहर आई टीम ने किया सर्वे...जांच शुरू कर सौंपेगी रिपोर्ट, जानें- क्यों जरूरी है टनल

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में गंगा के किनारे पांच स्थानों का लिया जायजा

कानपुर, अमृत विचार। ट्रांसगंगा सिटी से वीआईपी रोड तक गंगा नदी में टनल बनाने के लिए गुड़गांव की 5 सदस्यीय कंसल्टेंट टीम मंगलवार को शहर आई। टीम ने गंगा किनारे पांच स्थानों का जायजा लिया और मिट्टी की जांच व गहराई जानने के लिए सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। सर्वे पूरा होते ही सेतु निगम मंडलायुक्त व डीएम को रिपोर्ट सौंपेगा। 

कानपुर से शुक्लांगज को जोड़ने के लिए सरसैया घाट से ट्रांसगंगा सिटी तक पुल निर्माण में बाधा आने के बाद गंगा नदी में टनल बनाने की योजना तैयार की गई थी, जिसे वीआईपी रोड के समानांतर निकाले जाने की योजना है। टनल की कुल लंबाई 2.5 से 3 किलोमीटर होगी। गंगा नदी में टनल 15 मीटर गहरी होगी और टनल का 2 किलोमीटर का हिस्सा गंगा में रहेगा।

शहर में टनल का हिस्सा वीआईपी रोड व टेफ्को के पास निकालने की योजना है। टनल की फिजीबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए सेतु निगम ने गुड़गांव की कंसल्टेंट कंपनी को चयनित किया है। मंगलवार को कंसल्टेंट कंपनी की 5 सदस्यीय टीम शहर आई। सेतु निगम के एई अरविंद कुमार सागर ने बताया कि टीम ने परमट मंदिर घाट, सरसैया घाट व आसपास के तीन अन्य उन स्थानों का जायजा लिया।

जहां गंगा की चौड़ाई सबसे कम थी। उन्होंने बताया कि टीम ने मिट्टी परीक्षण के लिए प्रमुख स्थानों से नमूने एकत्र किए। साथ ही चिन्हित स्थानों पर गंगा की गहराई का आंकलन किया है। कंसल्टेंट टीम सर्वे पूरा कर रिपोर्ट सौपेंगी, जिसके बाद रिपोर्ट मंडलायुक्त व डीएम को सौंपी जाएगी।   

इसलिए जरूरी है टनल  

शुक्लागंज को शहर से जोड़ने के लिए सरसैया घाट से ट्रांसगंगा सिटी तक 275 करोड़ की लागत से पुल निर्माण की योजना तैयार की गई थी। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने पुल निर्माण से हाथ खींच लिए थे, जिस कारण योजना अधर में लटक गई थी।

तत्कालीन डीएम विशाख जी अय्यर ने सीडीओ की अध्यक्षता में समिति का गठन कर पुल निर्माण में तेजी लाने का कार्य किया, लेकिन बाबा घाट के पास संकरी जगह होने के कारण पुल के घुमाव संभव नहीं हो पा रहा था। साथ ही पुल निर्माण के बाद सरसैया घाट में भारी ट्रैफिक लोड की संभावना को देख अन्य विकल्प तलाशे जा रहे थे।

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