हेल्थ एटीएम: सरकारी अस्पतालों के बाद सेंट्रल जेल में बंदियों को मिली सुविधा 

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Published By Vinay Shukla
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अलीगढ़ में लागू हुई थी पहले सुविधा, शासन का नवीन स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने पर जोर

प्रयागराज, अमृत विचार।  सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2022 में प्रदेश के सभी 4600 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन ) लगाने के निर्देश जारी किया था। जिसके कारागार भी शामिल थे। जिसको देखते हुए अलीगढ़ के बाद अब प्रयागराज की सेंट्रल जेल में भी हेल्थ एटीएम की शुरुआत की गयी है। इसके माध्यम से बंदियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह शुरु किया गया है। 

प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से अब डिजिटल हो चुका है। योगी सरकार ने 2022 में शहर और ग्रामीण इलाको में रहने वाली जनता के बेहतर इलाज के लिए प्रदेश भर में 4600 हेल्थ एटीएम की शुरुआत की थी। जिसमे हेल्थ एटीएम से 60 तरह की जांचें मुफ्त में की जाएगी। इसके साथ ही लोगो को अपनी बीमारियों की जानकारी भी हो सकेगी। इस योजना में प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंदियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को देखते हुये शासन ने हेल्थ चेकअप और जरूरी जांच के लिए हेल्थ एटीएम को उपलब्ध कराया है। हेल्थ एटीएम की शुरुआत सबसे पहले अलीगढ़ कारागार से 2022 मे शुरु हुई थी।

हेल्थ एटीएम लगने के बाद बंदियों को काफी राहत मिलेगी। हेल्थ एटीएम की सहायता से जेल में बंद बंदियों की ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, हार्ट चेकअप, एचबीएवनसी, हिमोग्लोबिन, लिपिड प्रोफाइल, डेंगू, मलेरिया समेत कई महत्वपूर्ण जांचें की जाएगी और उसकी रिपोर्ट भी तत्काल मिल सकेंगी। बंदियों का बेहतर इलाज में हो सक्वगा। एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन ) से कई तरह की जांच के साथ यह मशीन बीमारियो के बारे में भी बताएगी। जांच के बाद तत्काल रिपोर्ट मिलने से बंदियों का बेहतर इलाज हो सकेगा। 

 नैंनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल ने बताया कि प्रदेश की यह दूसरी कारागार है जहां हेल्थ एटीएम स्थापित किया गया है। जो बंदियों के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बेहतर है। साथ ही कारागार के सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से यह हमारे लिए बहत उपयोगी है। हेल्थ एटीएम को मुख्यालय की तरफ से उपलब्ध कराया गया है। जेल में बड़ी संख्या में बुजुर्ग बंदियों की संख्या है।

उनके स्वास्थ्य से जुड़ी जांच को लेकर कई बार एसआरएन सहित अन्य अस्पतालों की मदद लेनी पड़ती थी। इस मशीन से जांच और शीघ्र रिपोर्ट से इलाज में मदद मिलेगी। इसके साथ ही बंदियों को जांच के बाहर भेजने में आने वाली सुरक्षा संबंधी चिंताओं को कम किया जा सकेगा। इससे बंदियों की अलग अलग बीमारियों के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी।

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