बाराबंकी: आरआरसी के निर्माण में रुचि नहीं ले रहे प्रधान व सचिव

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Published By Jagat Mishra
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सतरिख/ बाराबंकी, अमृत विचार। ग्राम पंचायतों में कूड़ा निस्तारण के लिए बनवाए जा रहे रिकवरी रिर्सोस सेंटर (आरआरसी) के काम में गांवों के जिम्मेदार रुचि नहीं ले रहे हैं। गांवों के आरआरसी अभी पूरी तरह से नहीं बन सके हैं। काम शेष होने से आरआरसी अपने उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। पंचायतीराज विभाग के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत गांवों को चयनित किया गया था। चयनित गांवों में आरआरसी निर्माण के लिए पंचायतीराज विभाग की ओर से जारी की गई थी।

हरख ब्लाॅक के सुल्तानपुर ग्राम पंचायत और गेहन्दवर ग्राम पंचायत के जिम्मेदार ग्राम प्रधान व सचिव ने आरआरसी सेंटर के निर्माण को पूरा कराने में रुचि नहीं ली। सुल्तानपुर गांव के आरआरसी सेंटर निर्माण में धांधली की जा रही है और घटिया किस्म की सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। आरआरसी सेंटर बनकर तैयार नहीं हुआ है, लेकिन बनने से पहले ही सीसी पिलर टूटकर गिर गया, गनीमत रही की उस दौरान कार्य बंद था, नहीं तो हादसा भी हो सकता था। निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा। इतना ही नहीं जिस स्थान पर निर्माण कराया जा वहां तक जाने का रास्ता भी नहीं है। कुछ दिन पहले डीपीआरओ ने भी आरआरसी सेंटर का निरिक्षण किया था, रास्ता न होने पर उन्होंने नाराजगी जताई थी। 

इन गांवों में कुछ न कुछ काम होना शेष है और आरआरसी अधूरी श्रेणी में प्रदर्शित हो रहे हैं। काम पूरा न होने से आरआरसी न तो उद्देश्य में सार्थक साबित हो पाए हैं और न ही गांवों में निकलने वाले कूड़ा का सही प्रकार से निस्तारण हो पा रहा है। डीपीआरओ नितेश भोंडेले ने बताया कि एडीओ पंचायत के साथ ही सचिवों को अधूरे पड़े आरआरसी सेंटरो को गुणवत्ता के साथ निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए गए है। जल्द ही निर्माण कार्य पूरा कराया जायेगा।

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