लखनऊ: माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर LT ग्रेड शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, सीएम योगी से लगाई नियुक्ति की गुहार
नियुक्ति नहीं मिली तो आमरण अनशन पर बैठेंगे अभ्यर्थी
अमृत विचार, लखनऊ। राजधानी लखनऊ स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 (LT Grade Teacher Recruitment) के सैकड़ो अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि उन्हें जल्द से जल्द राजकीय विद्यालयों (GIC) में नियुक्ति दी जाये, नहीं तो अपनी मांगों को लेकर सभी अभ्यर्थी आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होंगे।
एक साल बीत जाने के बाद भी नहीं मिली नियुक्ति
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शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि राजकीय विद्यालयों में UPPSC की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 के तहत 911 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। आयोग की ओर से 28 जून 2023 को भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी किया हुआ। इसके बाद 17 जुलाई से 24 जुलाई 2023 के बीच अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करके चयनित अभ्यर्थियों की संस्तुति माध्यमिक शिक्षा निदेशालय प्रयागराज को भेज दिया। इसके बाद से करीब एक साल होने वाले हैं। लेकिन, अभ्यर्थियों को अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई।
सीएम योगी के जनता दरबार में भी नहीं मिला न्याय
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शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक बार-बार धरना प्रदर्शन और ज्ञापन देने के बावजूद भी माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने उनकी नियुक्ति प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया है, जिससे नाराज और परेशान होकर चयनित अभ्यर्थी माध्यमिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ पर अनवरत धरने पर बैठ गए हैं और जल्द ही आमरण अनशन करेंगे। अभ्यर्थियों ने बताया कि UPPSC के अधिकारियों को कई बार ज्ञापन दिया गया। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी के जनता दरबार में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया। लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हुई।
मानसिक और आर्थिक रूप से हो रहे प्रताड़ित
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अभ्यर्थी कामिनी पाठक ने बताया कि वह मानसिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित हो रही हैं। ऐसे में वह बहुत परेशान हो चुकी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हुए कहा कि जल्द से जल्द नियुक्ति पत्र दिया जाए। जब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिल जाता, तब तक ऐसे ही धरने पर बैठे रहेंगे। जौनपुर से आए अभ्यर्थी जयसिंह का कहना है रिजल्ट जारी होने के एक साल बाद भी नियुक्ति के लिए दर-दर भटक रहे है। इससे सभी चयनितों का जो शोषण हो रहा है उसके जिम्मेदार सिर्फ शासन और प्रशासन है। यदि शासन की ओर से अभ्यर्थियों के हित में अतिशीघ्र कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो सभी अभ्यर्थी आमरण अनशन को बाध्य होंगे।
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इसके अलावा महावीर वर्मा का कहना है माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर दर्जनों बार धरना प्रदर्शन और ज्ञापन देने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने सिर्फ कोरा आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दिया है। श्याम नारायण यादव ने बताया कि अधिकारी अभ्यर्थियों को सिर्फ मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। अनवरत धरने में बैठे अभ्यर्थियों में कमिनी पाठक, निशी सिंह, सीमा सिसोदिया, सोनल, दीपा, कोमल वर्मा, महावीर वर्मा, श्याम नारायण यादव, जय सिंह, अंजनी कुमार पांडे, संजय चौधरी, राकेश यादव, गणेश कुमार साइनजहां समेत सैकड़ो अभ्यर्थी शामिल रहे।
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