लखनऊ: संविदा कर्मचारियों ने आन्दोलन की तारीख बदली, मौसम बना वजह, अब इस दिन पहुंचेंगे NHM कार्यालय
लखनऊ, अमृत विचार। नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारियों की मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। जिसके कारण 1 लाख से अधिक कर्मचारियों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। लंबे समय से संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर संघर्ष करते आ रहे हैं। जिसके चलते इस बार 15 जुलाई को कर्मचारियों ने नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के लखनऊ स्थित कार्यालय पर एकत्रित होने और प्रदर्शन करने की बात कही थी, लेकिन बारिश के मौसम को देखते हुये आंदोलन की तारीख बदल दी है।
संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के बैनर तले अब कर्मचारी 30 जुलाई को नेशनल हेल्थ मिशन कार्यालय पर जुटेंगे और अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद करेंगे। संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के महामंत्री योगेश उपाध्याय ने बताया कि 1 जुलाई को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर अपनी मांगें रखी थी।
संघ की तरफ से यह भी कहा गया था कि इसके बाद भी यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वह आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। 15 जुलाई को एक लाख से अधिक संविदा कर्मचारी लखनऊ पहुंचेंगे। इसी तारीख में मौसम की वजह से बदलावा किया गया है। अब 30 जुलाई को लखनऊ पहुंचने के लिए कर्मचारियों से कहा गया है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन वर्ष 2005 से संचालित हो रहा है और वर्तमान समय में इसमें लगभग 1.35 लाख संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। इन कर्मचारियों ने कोविड महामारी के दौरान योगदान दिया है, जिसके लिए सरकार की तरफ से प्रोत्साहित भी किया गया था। लेकिन, उत्तर प्रदेश में इन कर्मचारियों को नीति के अभाव के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें मुख्य रूप से वेतन नीति का और स्थानांतरण नीति का न होना शामिल है।
वेतन नीति के अभाव के कारण वेतन विसंगति व्याप्त है और स्थानांतरण नीति न होने के कारण अल्प वेतन भोगी संविदा कार्मिकों को तैनाती अत्यंत दूर स्थानों पर मिलती है, जिससे उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन्ही दो प्रमुख समस्याओं के समाधान की मांग संविदा कर्मचारी कर रहे हैं। इसके अलावा जिन पदों पर स्वास्थ्य विभाग ने नियुक्ति निकाली है, उन पदों पर NHM कार्मिकों का समायोजन, सेवा प्रदाता के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों का जिला स्वास्थ्य समिति में समायोजन करने की मांग की गई है।
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