Kanpur: सीसामऊ उपचुनाव से पहले सपा नेताओं में जुबानी जंग; पार्टी जिलाध्यक्ष पर भड़के विधायक अमिताभ, बोले ये...
अल्पसंख्यकों का वोट कम क्यों मिला, इस पर ध्यान दें विधायक: फजल महमूद
कानपुर, अमृत विचार। सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक इरफान सोलंकी की सदस्यता समाप्त हो गई है। ऐसे में इस सीट पर उप चुनाव प्रस्तावित है। सीसामऊ विधानसभा सीट के संबंध में समाजवादी पार्टी के संगठन व विधायकों के बीच तकरार बढ़ गई है। संगठन के जिलाध्यक्ष जहां विधायकों पर बैठकों में शामिल न होने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, विधायकों का कहना है कि पार्टी के सभी आदेशों को माना जाता है। सीसामऊ के प्रत्याशी को लेकर जिलाध्यक्ष जरा जल्दबाजी में हैं।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष हाजी फजल का कहना है कि संगठन के पदाधिकारियों ने प्रस्ताव पास किया था। बैठक में दोनों विधायक अमिताभ बाजपेई और हसन रूमी नहीं आए थे और वह आरोप लगाते हैं कि उनको बुलाया नहीं जाता है। जो नाम सीसामऊ सीट से घोषित किया गया है वो राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेश पर किया गया है। जो राष्ट्रीय अध्यक्ष का आदेश होता है उनका पालन संगठन के सभी पदाधिकारियों द्वारा किया जाता है।
विधायकों को अपनी-अपनी विधानसभा को मजबूत करना चाहिए। अल्पसंख्यकों का वोट कम क्यों मिला, इस पर दोनों विधायकों को ध्यान देना चाहिए। सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के चार-चार वार्ड दोनों विधायकों को दिए जाएंगे। फजल महमूद से उनका कुछ मामला हो सकता है, लेकिन पार्टी से नहीं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष का आदेश वो भी मानते है और संगठन भी। जब राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनको बता दिया कि नसीम सोलंकी सीसामऊ सीट से प्रत्याशी हैं तब उनको समझ आ गया है। संगठन से ही पहले महापौर प्रत्याशी वंदना बाजपेई का भी नाम गया था। नसीम सोलंकी का भी नाम संगठन से गया, जिसपर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मोहर लगा दी है। लगभग नसीम सोलंकी का नाम घोषित हो गया है।
पार्टी की छवि को धूमिल करने का प्रयास: बाजपेई
इस संबंध में आर्य नगर से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई का कहना है कि राष्ट्रीय कार्यालय या प्रदेश कार्यालय से जो भी आदेश आते हैं, उनका बखूबी पालन किया जाता है। जिले स्तर की होने वाली बैठकों में जिलाध्यक्ष का फोन आता है तो बैठकों में हर बार शामिल होते हैं। लेकिन संगठन की रूटीन बैठकों में पहुंचना विधायक के लिए हर बार संभव नहीं हो पाता है।
जिलाध्यक्ष ने जो पदाधिकारी बनाए हैं वो चाहे उपाध्यक्ष हों या कोषाध्यक्ष या अन्य वो खुद सभी बैठकों में नहीं पहुंचते हैं। कई पार्षद भी बैठकों से गायब रहते हैं। ऐसे में सिर्फ विधायकों पर आरोप लगाने का मतलब पार्टी की छवि को धूमिल करना है। जिलाध्यक्ष को सीसामऊ विधानसभा से प्रत्याशी का नाम घोषित करने की भी बड़ी जल्दबाजी है।
जबकि अभी तक इस सीट पर उपचुनाव की घोषणा चुनाव आयोग द्वारा नहीं की गई है। पार्टी जिनको भी प्रत्याशी घोषित करेगी उसका पूरा समर्थन किया जाएगा। पार्टी से मिलीं जिम्मेदारी का पालन मेहनत व लगन से किया जाएगा। रही बात नाम तय करने की तो इरफान सोलंकी व उनके परिवार के साथ मिलकर नाम तय किया जाना है, लेकिन जिलाध्यक्ष जल्दबाजी में हैं।
