अफजाल अंसारी की सजा रद्द, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, बरकरार रहेगी सांसदी

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Published By Deepak Mishra
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प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर से सपा सांसद अफजाल अंसारी को बड़ी राहत देते हुए कृष्णानंद हत्याकांड में गाज़ीपुर एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा दी गई 4 साल की सजा को रद्द कर दिया है। मालूम हो कि गत गुरुवार यानी 4 जुलाई को कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया था। उक्त आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने अफजाल द्वारा सजा को रद्द करने की मांग वाली आपराधिक अपील को स्वीकार करते हुए पारित किया।

मालूम हो कि कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय और राज्य सरकार ने अंसारी की सजा बढ़ाने की अपील दाखिल की थी। अफजाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगाते हुए अंसारी को पहले हाईकोर्ट जाने की सलाह दी। अब हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पूरी तरह पलटते हुए अंसारी की सजा रद्द कर दी है।

बता दें कि अफजाल अंसारी तीन बार सांसद और पांच बार विधायक रहे हैं। हालिया लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से अफजाल अंसारी ने जीत हासिल की है। हाईकोर्ट द्वारा उनकी दोषसिद्धि बरकरार रखने पर उनकी संसदीय सीट पर खतरा मंडरा रहा था।

संविधान के अनुच्छेद 102 (1)(ई) के साथ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 में प्रावधान है कि कोई सांसद/विधायक, जिस किसी अपराध के लिए दोषी सिद्ध किया गया हो, उसे दोषसिद्धि की तिथि से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और उसकी रिहाई के बाद से 6 साल की अवधि के लिए वह अयोग्य ही माना जाएगा। हालांकि अंसारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में आपराधिक अपील लंबित रहने के दौरान भविष्य में चुनाव लड़ने के लिए उन्हें अयोग्य न ठहराए जाने का निर्देश दिया था।

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