प्रयागराज: गंगा-यमुना का बढ़ा जलस्तर, कानपुर बैराज से छोड़ा गया दो लाख 83 हजार क्यूसेक पानी
पंडे-पुरोहित सामान समेटकर पीछे हटे
प्रयागराज, अमृत विचार। गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। फाफामऊ में गंगा का जलस्तर लगभग एक सेमी प्रति घंटा बढ़ रहा है। नैनी में यमुना का जलस्तर शनिवार सुबह आठ बजे प्रति घंटा ढाई सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। इससे संगम क्षेत्र में खलबली मच गई है। पंडे-पुरोहित अपना सामान समेटकर पीछे हट रहे हैं। मेजा में गंगा से मिलने वाली टॉस में साढ़े तीन सेमी प्रति घंटा की गति से जलस्तर बढ़ रहा है। उत्तराखंड के साथ राजस्थान और मध्य प्रदेश में बारिश का असर गंगा-यमुना में दिखाई पड़ रहा है।
उत्तराखंड और प्रदेश में गंगा के मैदानी क्षेत्र में लगातार बारिश होने से प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने लगा है। मैदानी इलाकों में भीषण बारिश के चलते कानपुर बैराज से सुबह दो लाख 83 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बैराज से शुक्रवार को दो लाख 22 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जिसके बाद से प्रयागराज में बाढ़ तेजी से आ रही है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से पानी दारागंज घाट तक पहुंच गया है। बता देंकि इससे पहले नरौरा बैराज से 1.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इसके अलावा कानपुर से भी करीब 14 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिसका असर प्रयागराज में दिखने लगा है।

बाढ़ से पहले सदर तहसील में बनी 26 चौकी
अन्य जगहों पर हो रही बारिश के बाद बाढ़ को देखते हुए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। बाढ़ चौकी को बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। सदर तहसील क्षेत्र में सबसे ज्यादा 26 बाढ़ चौकी बनाई गई है। इसी तरह फूलपुर में 13, करछना में 20, सोरांव में 7, हंडिया में 6, बारा में 10, मेजा में 13 व कोरांव में 3 बाढ़ चौकियां बनाई गई है।
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