Exclusive: तलाक के बाद अब निकाह आसान बनाने उतरा पर्सनल लॉ बोर्ड; आज से शुरू हुई मसनून निकाह मुहिम

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कानपुर, जमीर सिद्दीकी। मुसलमानों में दहेज की मांग बढ़ती जा रही है जिससे गरीब परिवार की बेटियों का निकाह नहीं हो पा रहा है। ऐसे में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सोमवार से देशभर में निकाह को आसान बनाने का अभियान शुरु करने की घोषणा की है। इसका शुभारंभ सोमवार को तेलंगाना से होगा। इस अभियान की कमान पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं संभालेंगे। बोर्ड इससे पहले तलाक रोकने के लिए भी निकाह के दौरान फार्म पर तब्दीली लाने का काम कर चुका है।

इस अभियान को आसान मसनून निकाह मुहिम नाम दिया गया है। सोमवार को पहला अधिवेशन मदीना एजुकेशन सेंटर, नामपल्ली, पब्लिक गार्डन हैदराबाद में रखा गया है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्ल्लाह रहमानी होंगे। 

विशिष्ट बोर्ड के संस्थापक सदस्य डॉ. अब्दुल कदीर होंगे जबकि अन्य मेहमानों में मौलाना शाह जमाल उल रहमान मिफ्ताही, डॉ. खलील मुबश्शिर, मौलाना आसिफ ओमरी होंगे। इस प्रोग्राम में तंजीम निसवां कुल हिंद की महामंत्री डॉ. जौहर जहां निकाह आसान बनाने पर अपने विचार रखेंगी। बोर्ड की सचिव फौजिया बेगम को भी बुलाया गया है।

इस संबंध में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मोहम्मद सुलेमान का कहना है कि देशभर में अभियान चलाकर दहेज रूपी इस बीमारी को खत्म करना होगा,अन्यथा आगे चलकर ये कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का रूप ले लेगा। देशभर में अभियान चलाकर दहेज की नुमाइश करने वालों पर भी सामाजिक शिकंजा कसा जाएगा। इस अभियान में देशभर के बुद्धिजीवियों, उलेमा व समाजसेवियों को साथ लिया जायेगा।

बोर्ड पहले भी निकाह के फार्म को तब्दील कर चुका 

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कई साल पहले निकाह को आसान बनाने और तलाक रोकने के लिये निकाह फार्म में कई प्रकार की तब्दीली कर चुका है। बोर्ड निकाह के दौरान दूल्हे पर कई प्रकार की पाबंदी लगाकर तलाक देने की प्रथा को खत्म करने की कोशिश कर चुका है, जिसका असर भी देखने को मिल रहा है। जिस प्रकार तेजी से तलाक का सिलसिला चल रहा था, उसपर रोक लगी है। 

मुसलमानों को शरीयत का मसला समझायेगा बोर्ड 

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि शरीयत में निकाह को आसान बनाने के लिए कहा गया है। तमाम लोग मस्जिद में अपने बेटे का निकाह करके सुन्नत पर अमल करते हैं लेकिन तमाम लोग दिखावा बहुत करते हैं।

नाच-गाना, दहेज, बैंड वाली शादी का बायकाट 

मुसलमानों के यहां कई तरह के लजीज खाने, अच्छा से अच्छा गेस्ट हाउस, बैंडबाजा बारात जिसमें पुरुषों के साथ साथ महिलाएं भी नृत्य करती रहती हैं ऐसी बारात का बायकाट करना होगा। इस संबंध में जमीअत उलमा के कार्यवाहक महामंत्री एवं शहरकाजी मौलाना हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी का कहना है कि जमीअत निकाह को आसान बनाने के लिए पहले से ही जनता के बीच जाकर लोगो को जागरूक कर रहा है। दहेज लेने वालों का समाज से बायकाट हो, इस नारे के साथ अभियान चलाया जायेगा। 

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