बदायूं: 50 हजार रुपये फौरन भेजो...जिलाधिकारी की फोटो लगे नंबर से तहसीलदार के पास आया मैसेज, सच जानकर उड़े सभी के होश
बदायूं, अमृत विचार। साइबर ठगों ने तहसीलदार को निशाना बनाया। डीएम की फोटो लगे मोबाइल नंबर से तहसीलदार के सीयूजी नंबर के व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा। बैंक खाता नंबर भेजकर 50 हजार रुपये की मांग की। कांवड़ियों की सेवा में व्यस्त होने की वजह से तहसीलदार ने ध्यान नहीं दिया और उस खाते में 50 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। दोबारा से रुपये मांगने का मैसेज आया तो वह अचरज में पड़ गए। उन्होंने डीएम को फोन करके जानकारी की तो पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है। साइबर थाने को सूचना दी गई है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
सदर तहसील के तहसीलदार सुरेंद्र सिंह रविवार को उझानी मार्ग पर कांवड़ियों की सुरक्षा व्यवस्था देख रहे थे। दो बाइकों की भिड़ंत होने पर वह कांवड़ियों के इलाज की तैयारी करा रहे थे। इसी दौरान उनके सीयूजी नंबर पर डीएम निधि श्रीवास्तव का फोटो लगे नंबर से व्हाट्सएप मैसेज आया। जिसपर डीएम की फोटो के अलावा उनका नाम भी प्रदर्शित हो रहा था।
कांवड़ियों की देखरेख में व्यस्त होने की वजह से उन्होंने मैसेज पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और सामने वाले व्यक्ति के भेजे गए नंबर पर 50 हजार रुपये स्थानांतरित कर दिए। लगभग आधा घंटे के बाद उनके सीयूजी नंबर पर दूसरा मैसेज आया। जिसमें 50 हजार रुपये और मांगे गए। तहसीलदार मैसेज देखकर हड़बड़ा गए। उन्होंने डीएम निधि श्रीवास्तव को फोन करके मैसेज आने और रुपये भेजने के बाबत जानकारी की। डीएम भी हैरान हो गईं।
डीएम ने कहा कि उन्होंने किसी भी प्रकार का मैसेज नहीं भेजा है तो तहसीलदार को उनके साथ ठगी की जानकारी हुई। तहसीलदार ने साइबर थाना पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। रुपये वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस की जांच के अनुसार तहसीलदार को मैसेज भेजने वाला मोबाइल नंबर बेंगलूरु का है।
रविवार को उझानी मार्ग पर कांवड़ियों की सुरक्षा व्यवस्था देख रहे थे। इसी दौरान दो बाइकों की भिड़ंत हो गई थी।कांवड़िया मामूली रूप से चोटिल हो गए थे। उनके इलाज की तैयारी कर रहे थे। हर तरफ कांवड़ियों का काफिले गुजर रहे थे। इसी दौरान व्हाट्सएप पर मैसेज आया। जिसपर डीएम का नाम और फोटो आ रहा था। जिसके चलते ज्यादा ध्यान नहीं दे पाए और रुपये स्थानांतरित कर दिए। दूसरा मैसेज आने पर डीएम को फोन करके जानकारी की थी। ठगी की जानकारी होने पर साइबर थाने पर शिकायत की है। - सुरेंद्र सिंह, तहसीलदार सदर
