हमीरपुर में ओलावृष्टि से तबाह 750 किसानों के मुरझाए चेहरे: खातों में मिलने वाली धनराशि महाराजगंज व गोरखपुर भेजी, जानें- पूरा मामला
हमीरपुर में ओलावृष्टि से परेशान किसानों की धनराशि दूसरे खाते में भेजी गई
हमीरपुर, अमृत विचार। जिले में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई। यहां ओलावृष्टि से तबाह करीब 750 किसानों को मिलने वाली राशि महाराजगंज व गोरखपुर में कुछ लोगों के खातों में भेज दी।
वहीं, पूरे मामले में एसडीएम सदर पवन प्रकाश पाठक ने करीब 15.50 लाख रुपये दूसरे खातों में जाने की बात स्वीकार की है। उनका कहना है कि शातिर साइबर ठगों ने आईडी हैक कर खेल किया है। एसडीएम सदर ने साइबर थाने में धोखाधड़ी समेत गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई।
उन्होंने बताया है कि ओला पीड़ित किसानों को अनुदान वितरित करने के लिए लेखपालों ने अपनी लॉगिन आईडी से उनका विवरण ऑनलाइन फीड किया। सभी स्तरों पर स्वीकृत होते हुए पेमेंट ऑनलाइन किसानों के खाते में भेजा गया। लेकिन फीडिंग के दौरान भूलवश होने पर पेमेंट रिटर्न हो गया। जिस पर ऑफलाइन डाटा संशोधन कर दोबारा से भेजा गया। इतना ही नहीं, रिटर्न सूची में अंकित कई किसानों के खातों में खाता संख्या अज्ञात स्तर पर बदल गई।
साइबर थानाध्यक्ष जयशंकर सिंह ने ऐसे किसी भी मामले की जानकारी से इंकार किया। उधर, एडीएम वित्त एवं राजस्व विजय शंकर तिवारी ने भी मामले की जानकारी से इंकार किया। जिससे माना जा रहा है कि पूरे मामले को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है।
एडीएम वित्त एवं राजस्व विजय शंकर तिवारी ने एक जुलाई को सदर व मौदहा तहसील के एसडीएम व तहसीलदार को पत्र भेज ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के बैंक खातों में कोषागार से भेजी गई धनराशि का सत्यापन कराने के निर्देश दिए। जिसके बाद सुमेरपुर क्षेत्र के पंधरी गांव निवासी 11 किसानों की धनराशि अन्य खातों में पहुंचने पर लेखपाल प्रदीप यादव को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया।
वर्ष 2023 में 20 फरवरी व तीन मार्च को ओलावृष्टि से सदर व मौदहा तहसील के किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई। इसमें दोनों तहसीलों के 53 गांवाें में फसलों को 90 फीसदी नुकसान हुआ था। किसानों को न तो बीमा कंपनी से कुछ मिला और न ही कृषि अनुदान की धनराशि ही उनके खाते में पहुंची।
