बदायूं: ठग गिरफ्तार; महिला IPS बन इन लोगों को बनाता था निशाना...शातिर के ये राज सुनकर हुए सब हैरान

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Published By Deepak Shukla
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बदायूं, अमृत विचार। साइबर अपराधी धोखाधड़ी और ठगी के नए-नए पैतरे अपना रहे हैं। मध्यप्रदेश के जबलपुर निवासी युवक ने ठगी का नया तरीका अपनाया है। वह महिला की आवाज में लोगों से बात करते ठगी करता है। कभी महिला आइपीएस तो कभी जांच अधिकारी बनकर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। 

सहसवान की युवती के लापता होने पर उसकी मां से फिरौती मांगी गई तो युवती तलाश में जुटी पुलिस और एसओजी आरोपी तक पहुंची। शहर की पुरानी चुंगी से गिरफ्तार किया। वह पहले भी उझानी के सराफा व्यापारी से ठगी के मामले में जेल जा चुका है। 60 दिन बाद जमानत हुई। फिर से इसी काम में लग गया। एसएसपी ने प्रेसवार्ता के माध्यम से जानकारी दी। आरोपी को जेल भेजा गया है।

कोतवाली सहसवान क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला की बेटी कुछ दिन पहले लापता हो गई थी। 17 जुलाई को महिला ने पुलिस को बताया कि उसके पास किसी का फोन आया था। बताया कि महिला की बेटी उनके कब्जे में दिल्ली में है। 25 हजार रुपये खाते में डाल दो वर्ना बेटी को जान से मार देंगे या उसके शरीर पर तेजाब डाल देंगे। 

फिर फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को दिल्ली कमिश्रर बताकर फोन किया। कहा कि उनकी बेटी अस्पताल में भर्ती है। रुपये डाल दो उसका इलाज कराना है। महिला ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस को शंका हुई। वह मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाया। 

जिसके आधार पर पुलिस और एसओजी ने गुरुवार शाम मध्यप्रदेश के जिला जबलपुर के थाना पाटन क्षेत्र कस्बा थापकबाड़ निवासी संकेत यादव पुत्र उमाशंकर यादव को गिरफ्तार किया। उसने अपने साथी जबलपुर निवासी इरशाद खां, राजूल दुबे, शिशांत सैन, आदित्य धारिया और हरियाणा निवासी राहुल के नाम बताए हैं। खुलासा के दौरान एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह, एसपी सिटी अमित किशोरी श्रीवास्तव ने घटना की जानकारी दी।

छह महीने से घर नहीं गया आरोपी

गिरफ्तार किया गया आरोपी संकेत शातिर किस्म का है। वह छह महीने से अपने घर नहीं गया है। वह अपने घर पर न रहकर ट्रेन और बस में सफर करता रहता है। वह होटल पर खाना खाता है। नहाने के लिए सुलभ शौचालय, सोने के लिए बस अड्डे या रेलवे स्टेशन का प्रयोग करता है। 

इसी बीच वह फोन करके घटनाओं को अंजाम देता था। एक घटना के बाद हर बार नए मोबाइल नंबर का प्रयोग करता था। लोगों से ठगी के रुपये अपनी बुआ के बेटे हरियाणा के झज्जर निवासी राहुल के खाते व जनसेवा केंद्र के खाते में भिजवा देता है। जरूरत होने पर वह जनसेवा केंद्र पर जाकर रुपये ले आता है।

गूगल और वाहनों पर लिखी गुमशुदगी से उठाता है मोबाइल नंबर

आरोपी गूगल के माध्यम से बड़े व्यापारी जैसे सराफा व्यापारियों के नंबर उठाता है। इसके अलावा बसों और जगह-जगह चस्पा गुमशुदगी के पोस्टर से लोगों का मोबाइल नंबर लेता है। उस नंबर पर फोन करके खुद को पुलिस का जांच अधिकारी बताते हुए गुमशुदा की बरामदगी का फर्जी झांसा देता है। गुमशुदा के साथ अप्रिय घटना की धमकी देकर उसके परिजनों को क्यूआर कोर्ड भेजकर रुपये ऑनलाइन मंगवाता है। 

उझानी के सराफा व्यापारी से की थी 25 हजार की ठगी

उसने गूगल से सराफा व्यापारियों के नंबर निकाले थे। उझानी के एक सराफा व्यापारी का मोबाइल नंबर लेकर महिला पुलिस अधिकारी बनकर फोन किया। कहा कि उसने चोर पकड़े हैं। जिन्होंने व्यापारी की दुकान पर चोरी का सामान बेचने की बात कहकर व्यापारी को डराया और व्यापारी से 25 हजार रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। वह दो महीने तक जेल में रहा। जमानत पर जेल से बाहर आने पर फिर से ठगी शुरू कर दी थी। 

हूबहू आवाज से झांसे में आ जाते थे लोग

पकड़ा गया आरोपी पर जबलपुर में तीन मुकदमे चल रहे हैं। हर बार जमानत पर बाहर आकर ऑनलाइन ठगी का काम करने लगता है। वह मोबाइल के किसी भी एप्लीकेशन का प्रयोग नहीं करता। बिल्कुल महिला की तरह आवाज निकालता है। जिससे लोग आसानी से उसके झांसे में आ जाते हैं।

खुलासा करने वाली टीम में यह रहे शामिल

खुलासा करने वाली टीम में एसओजी प्रभारी नीरज कुमार, उपनिरीक्षक धर्वेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबिल संजय सिंह, विपिन कुमार, सचिन झा, शराफत हुसैन आदि के अलावा सदर कोतवाल राकेश कुमार सिंह, उपनिरीक्षक अनित कुमार व धर्मेंद्र, हेड कांस्टेबिल सुरजीत, प्रवीन कुमार रहे।

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