लखनऊ बिल्डिंग हादसा: घायलों का हाल लेने के लिए अस्पताल पहुंचे सीएम योगी, बिल्डिंग मालिक पर FIR दर्ज

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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लखनऊ। लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में शनिवार शाम करीब पांच बजे तीन मंजिला इमारत ढहने की घटना में तीन और लोगों की मौत की पुष्टि के बाद इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। हादसे में 28 लोग घायल भी हुए हैं। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ रविवार को आंबेडकर नगर के दौरे से लौटने के बाद हादसे में घायलों की कुशलक्षेम पूछने के लिए यहां लोकबंधु राजनारायण अस्पताल पहुंचे और उनके उपचार की समुचित जानकारी हासिल की। वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने हरमिलाप टॉवर मालिक राकेश सिंघल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर चौकी इंचार्ज की तहरीर पर दर्ज की गई है। यह एफआईआर गैर इरादतन हत्या की है। 

घायलों से मुलाकात के बाद योगी ने सोशल मीडिया के अपने आधिकारिक ''एक्‍स'' खाते पर एक पोस्ट में कहा, ''कुशल चिकित्सकों के नेतृत्व में सभी का समुचित उपचार शीर्ष प्राथमिकता पर किया जा रहा है। इस कठिन समय में उत्‍तर प्रदेश सरकार पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ पूरी तत्परता तथा संवेदनशीलता के साथ खड़ी है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।''

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस घटना में हुई मौतों पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ‘एक्स’ पर मोदी के हवाले से कहा, "उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक इमारत दुर्घटना के कारण लोगों की मौत दुखद है। अपने प्रियजनों को खोने वालों के लिए प्रार्थना करता हूं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रत्येक मृतक के परिजनों को पीएमएनआरएफ (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष) से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।”

संयुक्त पुलिस आयुक्त अमित वर्मा ने कहा कि अब किसी के मलबे में फंसे होने की संभावना कम है। ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में शनिवार को तीन मंजिला इमारत ढह गई, जिसमें 28 लोग घायल हो गए। घटनास्थल से पांच शव बरामद किए गए थे। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने रविवार को बताया कि बचाव अभियान के दौरान राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम ने तीन और लोगों-राज किशोर (27), रुद्र यादव (24) और जगरूप सिंह (35) के शव बरामद किए। इसके साथ ही इस हादसे में मरने वालों की तादाद बढ़कर आठ हो गई। कुमार ने बताया कि मलबे के नीचे कोई और न दबा हो, यह सुनिश्चित करने के लिए बचाव अभियान अब भी जारी है।

पुलिस के अनुसार, “इमारत करीब चार साल पहले बनाई गई थी और वर्तमान में वहां कुछ निर्माण कार्य हो रहा था। शनिवार शाम करीब 4.45 बजे यह हादसा तब हुआ, जब ज्यादातर पीड़ित भूतल पर काम कर रहे थे। घायलों को लोक बंधु अस्पताल समेत जिले के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।”

अधिकारियों के अनुसार, इस इमारत का इस्तेमाल गोदाम के तौर पर किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि इमारत के भूतल में एक मोटर वर्कशाप और एक गोदाम था, जबकि प्रथम तल पर एक मेडिकल गोदाम, जबकि दूसरे तल पर एक कटलरी गोदाम था। मेडिकल गोदाम में काम करने वाले और इस दुर्घटना में घायल आकाश सिंह ने बताया, “बारिश की वजह से हम लोग उतरकर भूतल पर आ गए थे। हमने देखा कि इमारत के एक खंभे में दरार आ गई है। अचानक, पूरी इमारत हमारे ऊपर गिर गई।”

घायलों के मुताबिक, इमारत में काम करने वाले ज्यादातर लोग घटना के समय भूतल पर मौजूद थे। जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बचाव कार्य अब यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि कोई भी मलबे में दबा न हो। राहत आयुक्त कुमार ने कहा कि एनडीआरएफ और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के बचाव दल को राहत कार्य में लगाया गया है। रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने इस घटना के बारे में जिलाधिकारी से बात की और राहत कार्यों एवं घायलों के इलाज से जुड़ी जानकारी ली।

राजनाथ ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर लिखा, “इस दुर्घटना में जिन्होंने अपनों को खोया है, उन शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” मुख्यमंत्री योगी ने घायलों का निःशुल्क इलाज सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है। इस घटना की सूचना मिलते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने घायलों और उनके परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

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