कानपुर में फर्जीवाड़ा करने पर इलाहाबाद बैंक के तत्कालीन मैनेजर समेत तीन पर रिपोर्ट, जानिए पूरा मामला
कानपुर, अमृत विचार। महाराजपुर थानाक्षेत्र में फर्जीवाड़ा कर कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर पीड़ित के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को खड़ा करके बैंक से लोन करा लिया गया। जिसके बाद पीड़ित ने तत्कालीन बैंक मैनेजर समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
चमनगंज निवासी मो शरीफ ने दर्ज एफआईआर में बताया कि वर्ष 1968 में भवन को सौतेली मां नूर मोहम्मदी के पक्ष में रजिस्टर्ड कराया था। इस प्रकार संपत्ति पर उसकी मां और पिता काबिज हो गए। पीड़ित के अनुसार मामला न्यायालय में गया। जहां न्यायालय के आदेश पर वर्ष 1990 पर अलग हिस्सा बंटवारा कर नगर निगम से अपने हिस्से भवन भाग का नया मकान नंबर मिल गया। बताया कि पिता नूर मोहम्मद का 1993 में निधन हो गया।
जिसके बाद नूर मोहम्मद के हिस्से संपत्ति पर मो शरीफ, अब्दुल रहीम, अब्दुल वहीद, तौहीद आलम, नूर आलम, नौशाद, नफीसा बानो, रईसा बानो, अनीसा बानो, कमर आलम, हसीना बानो, नूर मोहम्मदी कुल 12 सदस्यों का हिस्सा हो गया।
पीड़ित शरीफ के अनुसार सौतेले भाई मो तौहीद ने मेसर्स तौहीद लेदर फर्म बनाकर इलाहाबाद बैंक एक्सीज यूनिवर्सिटी कैंपस हाथीपुर महाराजपुर के शाखा प्रबंधक के सहयोग से फर्जीवाड़ा कर कूटरचित प्रपत्रों में हस्ताक्षर कर मो शरीफ आधार पर वास्तविकता को छिपाकर पीड़ित के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को खड़ाकर उसकी फोटो लगाकर फर्जी तरीके से गारन्टर बनाकर हक हिस्से की भवन संपत्ति का बन्धक बनाकर खाता सं मेसर्स तौहीद लेदर का सीसी लिमिट लोन करा लिया।
बैंक का कर्जा न चुका पाने पर बैंक से नोटिस आने पर फर्जीवाड़े का पता चल पाया। इस संबंध में महाराजपुर प्रभारी निरीक्षक संजय पांडेय ने बताया कि पीड़ित मोहम्मद शरीफ की तहरीर पर मो तौहीद, तत्कालीन बैंक मैनेजर इलाहाबाद, फर्जी गारंटर नाम पता अज्ञात के खिलाफ अमानत में ख्यानत, धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने की धारा में एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है।
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