Unnao: हाल-ए-स्वास्थ्य विभाग: सीएचसी में धूल खा रही एक्स-रे मशीन, मरीज हो रहे परेशान
उन्नाव, अमृत विचार। हसनगंज सीएचसी में 10 वर्षों से एक्स-रे मशीन खराब होने और अल्ट्रासाउंड टेक्नीशियन न होने से मरीजों को अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे का लाभ नहीं मिल पा रहा था। जैसे तैसे 6 माह पूर्व सीएचसी में एक्स-रे मशीन तो पहुंच गई लेकिन उसका इंस्टॉलेशन होना टेढ़ी खीर नजर आ रहा है।
बता दें कि सीएचसी आई मशीन बंगलुरू के प्रोग्नोसिस सेंटर से मंगवाई गई थी। जिसके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी एईआरबी से पूरी हो गई थीं। सीएचसी प्रभारी डॉ. प्रमोद ने अपने नाम से रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई किया था। लेकिन, कंपनी इंजीनियर ने बताया कि पूर्व में उन्नाव सीएमओ रहे डॉ. लालता प्रसाद के नाम से इसका रजिस्ट्रेशन हो चुका है अब दोबारा नहीं होगा।
पुनः रजिस्ट्रेशन करने पर यूजर आईडी में आमिर खान का नाम आ रहा है और ओटीपी भी मेल पर नहीं पहुंच रही है। ऐसे में सीएचसी में रोज आ रहे सैकड़ों मरीजों को एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड के लिए चिकित्सक निजी पैथालाजी जाने की सलाह दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग जानकर भी अंजान है। एक्स-रे मशीन आपरेटर पर्चे बनाकर ड्यूटी पूरी करने को मजबूर हैं। जबकि सीएचसी में रोज 300 से 400 ओपीडी होती हैं।
जहां क्षय रोग के मरीजों को हजारों रुपये खर्च कर बाहर से एक्स-रे कराने को मजबूर होना पड़ता है। वहीं, गर्भवती महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाली निशुल्क जांच के लिए हजारों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। निजी पैथोलॉजी में डाक्टर के नाम पर आपरेटर रिपोर्ट लगाकर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करते हैं।
जिसका खामियाजा गर्भवती महिलाओं व गंभीर मरीजों को भुगतना पड़ता है। मरीजों की मजबूरी का फायदा आशाबहू व चिकित्सक मिलकर दोनों उठा रहे हैं।सरकार की योजनाओं को स्वस्थ्य विभाग बेखौफ होकर ठेंगा दिखा रहा हैं। जिससे कई प्रसव पीडि़त महिलाओं की अपनी जान गंवानी पड़ी है।
इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डॉ. प्रमोद ने बताया कि इस समस्या से सीएमओ और सीएचसी-पीएचसी निदेशक को जुलाई माह में अवगत कराया जा चुका है। लेकिन अभी तक कोई भी सुनवाई नही हुई है।