पुलिस की कार्यप्रणाली से त्रस्त मां-बेटी ने मुख्यमंत्री से लगाई इच्छा मृत्यु की गुहार
भोट की तत्कालीन एसओ ने दुष्कर्म के मामले में आरोपियों से साठगांठ करके 12 दिन में लगाई फाइनल रिपोर्ट
रामपुर, अमृत विचार : पुलिस की कार्यप्रणाली से त्रस्त भोट की रहने वाली एक महिला ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अपनी बेटी के साथ इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है। भोट की तत्कालीन एसओ पर आरोपियों से साठगांठ करके 12 दिन में फाइल बंद करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि पुलिस ने कोर्ट के आदेश को भी हवा में उड़ा दिया।
भोट थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला का कहना है कि 25 मई 2024 को सचिन व मनीष के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले की विवेचना भोट की तत्कालीन एसओ निशा खटाना कर रही थीं। आरोप है कि उन्होंने गवाहों और महिला के बयान दर्ज नहीं कराए। आरोपियों से साठगांठ करके 12 दिन में फाइल बंद कर दी। इसके बाद महिला ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटीशन दाखिल किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने 27 अगस्त को भोट पुलिस को पुन विवेचना के आदेश दिए थे। न्यायालय के आदेश के बाद भी भोट एसओ कहती रहीं कि उनके पास कोई आदेश नहीं आया है। कागज आने पर तुरंत फोन करके बता दिया जाएगा।
इसके बाद महिला ने 11 सितंबर 2024 को तमाम पत्रावलियां डीआईजी, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और एसपी को भेज दिए थे। आरोप है कि एसओ ने महिला से कहा कि मेरा तबादला हो रहा है। इसके बाद मामले की जांच अपराध शाखा में चली गई। जब महिला 23 और 25 सितंबर को विवेचक से मिलने गई तो बताया कि हमारे ऊपर अधिकारियों का दबाव है। इसलिए हम कुछ नहीं कर सकते हैं। तब महिला ने अपने अधिवक्ता को सारा मामला बताया। अधिवक्ता ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया तो विवेचक ने कोर्ट को बताया कि जांच चल रही है। काफी परेशान होकर महिला ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है।