बदायूं : हत्या की कोशिश करने के दोषी को दस साल का कारावास
2013 में दोषी करार दिया गया था दूसरा आरोपी, कोर्ट ने सुनाई थी सजा
बदायूं, अमृत विचार। करीब 19 साल पहले हत्या की कोशिश करने के आरोपी को विशेष न्यायालय की न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट रिंकू जिंदल ने दोषी करार देते हुए 3 हजार रुपये जुर्माना और 10 साल कारवास की सजा सुनाई है। दूसरी आरोपी को लगभग 11 साल पहले सजा हो चुकी है।
अभियोजन कथानक के अनुसार गांव पस्तोर निवासी प्रेमपाल ने 11 अगस्त 2005 को थाना मूसाझाग पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि गांव दियोचरी हजरतपुर निवासी दुर्गपाल जो उनके भाई का साला है। वह गांव पस्तोर से अपने घर जा रहा था। उसे छोड़ने के लिए प्रेमपाल अपने भाई के साथ गुलड़िया स्थित बस स्टैंड गए थे। गांव अहोरामई और गुलड़िया के बीच गन्ने के खेत से गांव दियोचरी हजरतपुर निवासी होराम पुत्र मुंशी सिंह, महेश पुत्र सरनाम निकल आए। दुर्गपाल को देखते ही तमंचा निकाल लिया और जान से मारने की धमकी देने लगे। अपनी जान बचाने के लिए दुर्गपाल खेत के भीतर भागे। दोनों आरोपी उसका पीछा करते हुए खेत में घुस कर दुर्गपाल को गोली मार कर दोनों आरोपी जंगल की ओर भाग गए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। विवेचना के दौरान साक्ष्य संकलित किए। कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। तब से मामला न्यायालय में विचाराधीन था। शनिवार को न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करके एडीजीसी जितेंद्र कुमार सिंह और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद होराम को सजा सुनाई है। जबकि महेश को साल 2013 में सजा हो चुकी है।
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