धीरेंद्र शास्त्री के पटाखों वाले बयान पर तौकीर का जवाब, मुसलमान अपने देश में नहीं फैलाता प्रदूषण
तौकीर बोले-पटाखों से एतराज नहीं, पर लोग केवल रोशनी भी तो कर सकते हैं
बरेली, अमृत विचार। इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां का एक बयान सामने आया है, जिसमें वो दिवाली पर आतिशबाजी को पैसे की बर्बादी और लोगों की सुरक्षा व पर्यावरण के लिए खतरा बताते नजर आए। उन्होंने कहा कि मुसलमान आतिशबाजी नहीं छोड़ता है, वो अपने देश में प्रदूषण नहीं करना चाहता। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें दिवाली पर पटाखों से एतराज नहीं लेकिन इसकी एक सीमा होनी चाहिए। लोग खुशी में रोशनी भी तो कर सकते हैं। मौलाना ने ये बात जागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर टिप्पणी करते हुए कही।
दरअसल मौलाना तौकीर रजा खां ने कहा कि क्या किसी मुसलमान ने बयान दिया है कि दिवाली पर पटाखे नहीं छोड़ने चाहिए या होली पर रंग नहीं खेलना चाहिए। अगर नहीं तो ये सवाल क्यों उठ रहा है कि बकरीद पर कुर्बानी होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए। आतिशबाजी छोड़ी जानी चाहिए या नहीं ये एक धार्मिक मामला है। लेकिन उनका मानना ये है कि आतिशबाजी छोड़ने के लिए एक सीमा तय होनी चाहिए, क्योंकि इससे पैसे और देश का नुकसान हो रहा है। जो लोग इसको बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं वो गंभीरता से देश और समाज के बारे में नहीं सोच रहे हैं। मौलाना ने कहा कि वो चारो शंकराचार्य जिनको राम मंदिर की स्थापना के वक्त नजरअंदाज किया गया उनसे अगर आतिशबाजी के बारे में सवाल करेंगे तो वह भी वही बात कहेंगे जो मैंने कही। आतिशबाजी अगर छोड़नी है तो इतनी कीजिए जिससे बस खुशी का इजहार हो जाए। लोग अपनी खुशी के इजहार के लिए दीपोत्सव भी कर सकते हैं।
मुसलमानो ने छोड़ी आतिशबाजी की प्रथा
मौलाना ने बताया कि शबे बारात के मौके पर मुसलमानों में आतिशबाजी छोड़ने का खूब चलन था। लेकिन उलमा ने इसको लेकर जब जागरूकता फैलाई तो लोगों को समझ आया। शबे बारात पर आतिशबाजी छोड़ने का चलन धीरे-धीरे खत्म हो गया। इसी तरह हिंदू धर्म के धर्मगुरुओं को भी आगे आना चाहिए।
जब सुप्रीम कोर्ट की नहीं मानी तो मेरी क्या मानेंगे
मौलाना ने अपने बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी पटाखों पर पाबंदी की बात कही है, लेकिन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट की बात भी नहीं मानी। लिहाजा उन्हें यकीन है कि जब सुप्रीम कोर्ट की बात नहीं मानी तो उनकी भी नहीं मानी जाएगी।
पराली जलाने पर मुकदमा, पटाखों पर मौन
मौलाना ने कहा कि किसान अगर पराली जलाता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है, लेकिन लोग बिना वजह पटाखे छोड़ रहे हैं। अरबों रुपये का नुकसान कर देश के धन में आग लगाने का काम किया जा रहा है।
मौलाना ने अपनी तरफ से नहीं दिया बयान
उधर मौलाना के इस बयान पर आईएमसी मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीसी ने बताया पार्ट प्रमुख ने ये बयान अपनी तरफ से जारी नहीं किया है। एक चैनल पर उनसे सवाल किया गया था जिसके जवाब में उन्होंने ये बाते कहीं हैं।
ये था धीरेंद्र शास्त्री का बयान
दरअसल जागेश्वर धाम वाले बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि हिंदू धर्म का कोई त्योहार आता है तो सवाल उठते हैं, लोग कानून की बात करने लगते हैं। लेकिन इस देश में बकरीद भी होती है, उस पर कोई प्रतिबंध की बात नहीं करता। लिहाजा इस तरह की दोतरफा बात करने वालों के लिए उन्होंने सुतली बम खरीद लिया है।