बरेली में दर्दनाक हादसा, गूगल मैप के सहारे आ रही कार अधूरे पुल पर चढ़ी, नीचे गिरकर तीन लोगों की मौत

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार। फरीदपुर इलाके में खल्लपुर-दातागंज मार्ग पर बनाए जा रहे रामगंगा नदी के पुल का अगला हिस्सा पिछले साल बाढ़ में बह गया था। तभी से यह पुल अधूरा पड़ा है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने न दोबारा काम शुरू कराया न ही पुल का रास्ता बंद किया। इसी लापरवाही ने शनिवार रात तीन लोगों की जान ले ली। अब अफसर गूगल मैप को हादसे का जिम्मेदार बताकर अपनी लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं।

गूगल मैप के पहले भी लोगों को मौत के रास्ते पर ले जाने की घटनाएं हो चुकी हैं, इसलिए इस अधूरे पुल को लेकर और ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत थी लेकिन पीडब्ल्यूडी अफसरों ने कोई ध्यान नहीं दिया। गांव के लोग बताते हैं कि पुल बाढ़ में बहने के बाद कोई अफसर मुआयना करने तक नहीं आया।

पीडब्ल्यूडी ने पुल पर चढ़ रही सड़क पर न कोई संकेतक लगाया और न ही कोई बैरिकेडिंग की। इसी वजह से यह रास्ता पहले से मौत का मुंह बना हुआ था। ऐसे में गूगल मैप ने धोखा दिया तो गुड़गांव से भतीजी की शादी में शामिल होने आ रहे विवेक और कौशल की कार टूटे पुल से 25 फुट नीचे आ गिरी और उन दोनों के साथ उनके दोस्त अमित की भी मौत हो गई।

विवेक और कौशल आपस में चचेरे-तहेरे भाई थे। दोनों लंबे समय से गुड़गांव में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहे थे और वहां एक ही साथ रहते थे। भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए वे दोस्त अमित के साथ शनिवार दोपहर उनकी कार से गुड़गांव से निकले थे।

टूटा पुल गूगल मैप में अपडेट कराना भी भूले
विवेक, कौशल और उनके साथ आ रहे अमित को फरीदपुर का रास्ता पता नहीं था। इसी कारण अमित ने गूगल मैप (जीपीएस नेविगेशन) की मदद ली थी। कहा जा रहा है कि अगर टूटे पुल को गूगल मैप पर अपडेट करा दिया गया होता, तब भी यह हादसा नहीं होता लेकिन किसी ने यह जिम्मेदारी भी नहीं निभाई। कार चला रहे अमित नेविगेशन के निर्देशों के अनुरूप निर्माणाधीन पुल पर कार ले गए जिस पर आवागमन बंद था।

माना जा रहा है कि तेज रफ्तार होने की वजह से टूटा पुल देखकर ब्रेक लगाने का भी मौका नहीं मिला होगा और कार पुल से सीधे नदी में आ गिरी। सुबह ग्रामीणों से सूचना मिलने के बाद दातागंज और फरीदपुर की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तीनों युवकों को कार समेत नदी से बाहर निकाला। बताया जा रहा है कि जिस जगह कार गिरी, वहां पानी नहीं था। पास गड्ढे में पानी भरा था, जो खून से लाल हो गया।

लगातार बज रहा था विवेक का फोन, सुबह ग्रामीण ने रिसीव की कॉल
रास्ते में हादसे का शिकार हुए विवेक के घर वाले उन्हें लगातार फोन कर रहे थे लेकिन उनके फोन पर कॉल रिसीव नहीं हो रही थी। रविवार सुबह रामगंगा की तरफ खेतों में शौच के लिए गए किसी ग्रामीण ने नदी में कार पड़ी देखी तो नजदीक पहुंचा। विवेक के फोन पर आ रही कॉल रिसीव कर परिजनों को घटना की जानकारी दी। हादसे का पता चलते ही शादी के घर में मातम शुरू हो गया।

दस दिन पहले ही पिता बने थे कौशल
परिजनों ने पुलिस को बताया कि विवेक का एक बेटा, एक बेटी, अमित के दो बेटे और एक बेटी है। कौशल की पत्नी शानू ने 10 दिन पहले ही बेटे को जन्म दिया था।

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