Exclusive: प्रदूषण से निपटने को एक्शन प्लान तैयार; सर्वाधिक धूल वाली सड़कों पर बनेगी ग्रीन बेल्ट, शहर में इतने बजे तक निर्माण सामग्री नहीं ढो सकेंगे बाहरी वाहन...

Exclusive: प्रदूषण से निपटने को एक्शन प्लान तैयार; सर्वाधिक धूल वाली सड़कों पर बनेगी ग्रीन बेल्ट, शहर में इतने बजे तक निर्माण सामग्री नहीं ढो सकेंगे बाहरी वाहन...

अभिषेक वर्मा, कानपुर। शहर में वायु प्रदूषण के नियंत्रण के लिये प्रशासन की ओर से एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है। अब निर्माण सामग्री लेकर बाहरी वाहन सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक शहर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। शहर के अंदर निर्माण सामग्री और मलबे को पूरी तरह से ढककर ही परिवहन किया जा सकेगा। 

मंडलायुक्त अमित गुप्ता ने पुलिस उपायुक्त यातायात और आरटीओ को इसको लेकर सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। इसके साथ ही एयर क्वालिटी इंडेक्स को खराब होने से रोकने के लिये रैपिड रेस्पांस टीम का भी गठन करने को कहा गया है, जो यातायात व्यवस्था में सुधार करने पर काम करेगी। जहां एक्यूआई बढ़ेगा वहां यह टीम जाम और धुएं से निजात दिलाने के लिये कार्य करेगी। 

कानपुर में ठंड बढ़ने के साथ ही वायु प्रदूषण बढ़ने लगा है। पिछले दिनों कई बार एक्यूआई 300 से पार हो चुका है। ऐसे में मंडलायुक्त ने वायु प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण को लेकर प्रभावी कदम उठाने के लिये संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये हैं। नगर निगम, केडीए, पीडब्ल्यूडी, एनएसआई, मेट्रो, आवास विकास, पुलिस, आरटीओ, यूपीपीसीबी और सभी कार्यदायी संस्थाओं को वायु प्रदूषण रोकने के लिये जिम्मेदारी दी गई है। 

नगर निगम को कूड़ा व अन्य वस्तुओं को खुले में जलाने से रोकने, कूड़े का निस्तारण व डोर टू डोर कलेक्शन करने को कहा गया है। खुले में निर्माण सामग्री को बेचने वालों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही शहर की सड़कों पर डस्ट हटाने, मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन से सफाई करने, पानी का छिड़काव, मैनुअल स्वीपिंग बढ़ाने के निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही केडीए और नगर निगम को 15 दिनों के अंतर तीन ऐसी सड़कों का चयन करने को कहा गया है जहां धूल ज्यादा उड़ती हो। 

इन सड़कों का चयन कर यहां पर ग्रीन बेल्ट विकसित करने को कहा गया है। एनएचआई को सड़कों और पेड़ों की धुलाई करने को भी कहा गया है। मेट्रो को भी सीपीसीबी के दिशा निर्देशों के आधार पर रहकर ही कार्य करने के निर्देश दिये गये हैं। मंडलायुक्त ने सभी कार्यदायी संस्थाओं से कहा है कि निर्माण कार्य की जगहों पर मिट्टी हमेशा गीली रखी जाये ताकि धूल उड़कर एयर क्वालिटी को खराब न कर सके।  

प्रदूषण फैलाने वाले वाहन होंगे जब्त

परिवहन मंत्रालय की कबाड़ नीति के तहत 15 वर्ष पुराने कामर्शियल और 20 वर्ष पुराने निजी वाहनों को कबाड़ घोषित करने की नीति है। शहर में आरटीओ और यातायात पुलिस को निर्देश दिये गये हैं कि ऐसे वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई की जाये। इसके साथ ही पीयूसी सर्टिफिकेट चेक किए जाये।

हेल्पलाइन नंबर पर वायु प्रदूषण की शिकायत

मंडलायुक्त ने सभी अधिकारियों को सीपीसीबी के समीर एप को डाउनलोड कर लगातार वायु प्रदूषण की मॉनीटरिंग करने को कहा है। हर सप्ताह की रिपोर्ट और एक्यूआई के आंकड़े सूपीपीबी को सॉफ्ट व हार्ड कॉपी देनी होगी। उन्होंने कानपुर स्मार्ट सिटी लि. के हेल्पलाइन नंबर 18001805159 को सुचारू रूप से संचालित रखने को कहा है ताकि शहरवासी वायु प्रदूषण से जुड़ी शिकायतों को दर्ज करा सकें।

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