Prayagraj News : सेवा मामलों में जनहित याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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अमृत विचार, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक सेवा मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि किसी अजनबी को किसी भी कार्यवाही में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, जब तक कि वह प्राधिकारी को संतुष्ट न कर दे कि वह पीड़ित व्यक्तियों की श्रेणी में आता है।

कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सेवा मामलों में जनहित याचिकाओं पर विचार नहीं किया जा सकता है। ऐसी तुच्छ याचिकाएं जब दाखिल की जाती हैं तो अदालतों को न केवल याचिकाओं को खारिज करना चाहिए बल्कि उन पर यथोचित जुर्माना भी लगाना चाहिए। उक्त आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट की एकलपीठ ने मिर्ज़ा इक़रार बेग की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया, साथ ही याची पर अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए 20 हजार का जुर्माना भी लगाया और फिरोजाबाद के जिलाधिकारी को 2 महीने के भीतर याची से भू-राजस्व के बकाए के रूप में जुर्माना राशि वसूलने का निर्देश दिया। कोर्ट ने माना कि याची के पास विपक्षी की नियुक्ति पर आपत्ति करने का कोई अधिकार नहीं है और वह एक दखलअंदाजी करने वाला व्यक्ति मात्र है जो विपक्षी को केवल परेशान करना चाहता है।

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