कानपुर में कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर से लाखों रुपये की साइबर ठगी: बीमा पॉलिसी के नाम पर इस तरह से ठगा...

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Published By Nitesh Mishra
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पीड़ित ने साइबर सेल ने दर्ज कराई रिपोर्ट बीमा पालिसी के नाम पर ठगा

कानपुर, अमृत विचार। काकादेव थानाक्षेत्र में श्याम लीला अपार्टमेंट गीता नगर निवासी अरविंद कुमार ने दर्ज एफआईआर में बताया कि वह बाराबंकी में रिसर्च कृषि विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर नियुक्त हैं। उनके अनुसार उन्होंने अपने व पत्नी के नाम से लगभग 08 बीमा कंपनी से पॉलिसी कराई थी। बीमा पॉलिसी कोविड महामारी के समय से कुछ कारणों से बंद करवा दिया था। 

बताया कि 24 सितंबर 2024 को मेहता नाम के युवक की कॉल आई। जिसने बताया कि वह बीमा कंपनी का अधिकारी है। उसने कहा कि उनकी 4 बंद पड़ी पॉलिसी में अच्छा खासा पैसा पड़ा है जिसके रिफंड के लिए कुछ कागजी कार्रवाई और औपचारिकताएं करानी होंगी। 

कहा कुल धनराशि पर सरकारी टैक्स जमा करने के बाद समस्त रिफंड हो जाएगा। इसके बाद कागजी कार्रवाई के लिए किरन गुप्ता कंपनी की सह अधिकारी व एडवाइजर राजेन्द्र जोशी बनकर आए। उन्होंने चार बंद पॉलिसी में 9,70,000 रुपये कंपनी में जमा होने की बात बताई। 

इसके बाद उन लोगों ने बीमा कंपनी के कूटरचित दस्तावेज वाट्सएप पर भेजे और बैंक खाता का विवरण लिया। बताया कि उन्होंने 24 सितबंर 2024 से 4 अक्टूबर 2024 के मध्य 3 वार में 3,56,544 रुपया ट्रांसफर कराए। इसके बाद वह चारों कुछ न कुछ बताकर कुल कुल 5,55,544 लाख रुपये फ्रॉड कर लिया। इस संबंध में साइबर सेल इंस्पेक्टर सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। 

बीमा राशि वापस कराने के नाम पर 15 लाख का फ्रॉड

किदवई नगर वाई ब्लॉक निवासी आदित्य कुमार पाठक ने दर्ज एफआईआर में बताया कि तीन माह के भीतर साइबर फ्रॉड ने उनके साथ लाखों की धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 से लेकर 2024 फरवरी तक मोबाइल पर अनामिका शर्मा, वेद प्रकाश त्रिपाठी, मोहपात्रा, अतुल ठाकुर, सुशांत मिश्रा नाम के लोगों ने कॉल की। 

कहा कि आपकी पेंशन धनराशि एगोन बीमा कंपनी में जमा है, जो लगभग 37 लाख रुपये बताई गई। इसको वापस कराने के लिए बताए गए बैंक खातों में रकम जमा करनी होगी। इस पर उन्होंने उन खातों में कुल 14,76,412 लाख रुपये धनराशि जमा कर दी। 15 फरवरी 2024 को वेद प्रकाश त्रिपाठी नाम के व्यक्ति की अंतिम कॉल आने के बाद सभी मोबाइल स्विच ऑफ कर लिए गए। घटना की सूचना 20 फरवरी साइबर क्राइम थाने पहुंचकर दी गई।

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