Kanpur: बच्चों के साथ अभिभावकों की भी परीक्षा की घड़ी, Exam करीब आते ही घरों का बदला माहौल, मॉर्निंग वॉक तक छूटा

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Published By Deepak Shukla
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पैरेंट्स बेहतर ‘पैरेटिंग’ के लिए काउंसलर के पास पहुंच रहे

कानपुर, अमृत विचार। बोर्ड परीक्षाओं की डेटशीट जारी होते ही बच्चे परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं। बच्चों के साथ अभिभावकों की परीक्षाएं भी शुरू हो गई हैं। किसी घर में मॉर्निंग वॉक बंद हो गया है तो किसी घर में खाने में बदलाव शुरू हो गया है। अभिभावकों ने बेहतर पैरेंटिंग के लिए काउंसलर की सहायता लेना शुरू कर दिया है। 
घरों में बच्चों के साथ अभिभावक भी बच्चों के बेहतर अंक आएं इसके लिए जुट गए हैं। 

बदले हुए माहौल का असर पूरे परिवार पर पड़ रहा है। मनोवैज्ञानिक बताते हैं नवंबर महीने के अंतिम सप्ताह से ही उनके पास बोर्ड परीक्षाओं से संबंधित केस आने शुरू हो गए। रोजाना 3 से 5 केस आ रहे हैं। केसों में सबसे अधिक अभिभावकों की अचानक बदली जीवनशैली से उपजा तनाव है। घर में पढ़ाई का अत्याधिक माहौल बनाने के चक्कर में वे अधिक परेशान हैं। ऐसी स्थिति में अभिभावकों को सबसे जरूरी सलाह ‘सामान्य’ रहने की दी जा रही है। 

केस 1

तिलक नगर में रहने वाले अभिभावकों की बेटी का इस बार बोर्ड है। नामचीन स्कूल में पढ़ने वाली बेटी के बेहतर अंक आएं इसके लिए घर में तैयारी शुरू हो गई है। पिता मॉर्निंग वॉक छोड़कर बेटी को सुबह पढ़ाने लगे हैं। उन्होंने एक काउंसलर से सपरिवार जाकर बेहतर पैरेंटिंग की काउंसिलिंग कराई है।

केस 2

आवास विकास में रहने वाले परिवार का बेटा यूपी बोर्ड दे रहा है। पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं तो बेटे को पढ़ाने की जिम्मेदारी मां पर आ गई है। ऐसे में घर की रसोई का मेन्यु भी बदल गया है। रोजाना बच्चों की जिद से घर के माहौल में तनाव व्याप्त हो जाता है। फोन पर हुई काउंसिलिंग में अभिभावकों को संयमित रहने की सलाह दी गई है।  

अभिभावक यह रखें ख्याल

घर के माहौल में अत्याधिक परिवर्तन उचित नहीं
बच्चों पर बहुत अधिक पढ़ाई का बोझ न डालें
बच्चों के बदले हुए व्यवहार पर नजर रखें 
बच्चों को पढ़ाई को लेकर बहुत अधिक टोके नहीं
बच्चों के साथ पढ़ाई के अलावा सामान्य बातचीत करें

अभिभावक ये करें

अपने शिड्यूल में अधिक परिवर्तन न लाएं
घर के बुजुर्गों की सलाह माना करें
बोर्ड परीक्षाओं को बहुत अधिक लक्ष्य न बनाएं
बच्चों के सामने अभिभावक सामान्य व्यवहार करें
घर में तनाव का माहौल लगे तो बाहर घूमने निकलें

बोर्ड परीक्षाओं का तनाव अभिभावकों पर भी है। अचानक घर का माहौल बदलने से बच्चे तनावग्रस्त हो रहे हैं। घर का माहौल और जीवनशैली बदलने से अभिभावकों को बचना चाहिए। उनकों यह समझना चाहिए कि इससे बच्चा दबाव में आएगा। इसका असर उनके प्रदर्शन पर पड़ सकता है। -एलके सिंह, मनोवैज्ञानिक

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