विधानसभा में गूंजी कानपुर के जेके कैंसर व सीसामऊ नाले की बदहाली, सपा विधायक बोले- दोषी अधिकारियों पर हो कार्रवाई

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े जेके कैंसर संस्थान की बदहाली का मुद्दा विधानसभा में सोमवार को आर्य नगर से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने उठाया। साथ ही उन्होंने गंगा में गिर रहा सीसामऊ नाला एसटीपी द्वारा बह रहा काला पानी आदि मुद्दों पर सरकार का ध्यान केंद्रित किया। कहा कि सीसामऊ नाले में अधिकारियों ने व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार किया है। अनुरोध है कि दोषी अधिकारियों की जांच कर कड़ी कार्यवाही की जाए। जेके कैंसर अस्पताल की बदहाली दूर की जाए।

रावतपुर स्थित जेके कैंसर संस्थान में एक समय मरीजों की भीड़ अधिक होने पर बेड की संख्या कम पड़ जाती थी। तब संस्थान में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, नेपाल व बिहार आदि जगहों से मरीज कैंसर का इलाज कराने आते थे, लेकिन वर्तमान में जेके कैंसर संस्थान की हालत खुद ठीक नहीं है। इस संबंध में अमृत विचार ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की। आर्य नगर सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने विधानसभा में मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कानपुर का जेके कैंसर संस्थान प्रदेश का सबसे बड़ा कैंसर संस्थान है, लेकिन यहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल है। 

कैंसर की जांच में सहायक पैट मशीन स्कैन की सुविधा नहीं है। बायोप्सी तक नहीं की जाती है। संस्थान में सर्जन और ऑपरेशन थिएटर है, लेकिन हैरात की बात यह है कि यहां पर एक साल में एक भी सर्जरी तक नहीं की गई है। पैथोलॉजी सिर्फ नाम की है। लीनियर एक्सीलेटर की मशीन आदि की भी सुविधा नहीं है। मरीजों को खून जांच कराने के लिए संस्थान से दूसरे अस्पताल जाना पड़ता है। जबकि 20 नवंबर 2023 को विधानसभा की टीम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जेके कैंसर का निरीक्षण कर उसका हाल जाना था। तब अधिकारियों द्वारा बताया गया था कि जेके कैंसर प्रदेश का उच्चस्तरीय संस्थान बनेगा, लेकिन बजट में कुछ खास नहीं दिया गया। 

गंगा में गिर रहा सीसामऊ नाला व एसटीपी का काला पानी

आर्य नगर विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा कि सीसामऊ नाले का प्रदूषित पानी गंगा में गिरना चिंता का विषय है। नाले का मुंह बंद करके वहां सेल्फी प्वाइंट बनाया गया था, जहां सीवर का पानी बहता रहता है। सेल्फी प्वाइंट के चारों तरफ गंदगी फैली रहती है। सीवर का पानी जाने के कारण सीसामऊ नाला ओवरफ्लो हो जाता है। बरसात के समय सीवर के ढक्कन हवा में उड़ाते है और भयंकर रूप से फव्वारा बनकर पानी बहता है, जिससे जनहानि की संभावना बनी रहती है। 

काफी मुहल्लों में दूषित पानी सप्लाई होता है। गंगा में एसटीपी द्वारा बह रहा काला पानी स्वच्छता के नाम पर छलावा साबित हो रहा है। 22 नालों का पानी शोधित करने के लिए सात एसटीपी है, जिसमें केवल चार काम कर रहे। सीसामऊ नाले में अधिकारियों ने व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार किया है। अनुरोध है कि दोषी अधिकारियों की जांच कर कड़ी कार्यवाही कर दोषियों को दंड दिलवाया जाए। 

इन सदस्यों और अधिकारियों ने किया था निरीक्षण 

उत्तर प्रदेश विधान सभा की याचिका समिति (2022-23) की प्रथम उप समिति में उन्नाव से विधान सभा सदस्य पंकज गुप्ता, हरदोई से विधान सभा सदस्य आशीष कुमार सिंह (आशू), फतेहपुर से विधानसभा सदस्य कृष्णा पासवान व कानपुर नगर से विधानसभा सदस्य अमिताभ बाजपेयी शामिल थे। जबकि स्वास्थ्य अधिकारियों में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निगम के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण की महानिदेशक किंजल सिंह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा की महानिदेशक दीपा त्यागी व जिलाधिकारी विशाख जी मौजूद थे। 

संस्थान में स्टाफ की भी है कमी 

शिकायतकर्ता काकादेव निवासी नीरज सिंह कहना है कि साल 2022-23 व वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट नहीं मिला।  जबकि हर साल शासन से एक करोड़ रुपये मिलता हैं। कैंसर के मरीजों को जांच के लिए दूसरे अस्पताल रेफर किए जा रहे है। इसके साथ ही 106 बेड की क्षमता वाले संस्थान में 20 नर्सों के पद है, जिनमें से सात नर्सें तैनात है। मानक के तहत 60 नर्सों की जरूरत हैं।  ग्रेड तीन के 34 पदों में से 18 व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 64 पदों में से केवल 28 कर्मी ही तैनात है। 

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