Bareilly: नगर निगम को कंगाल कर रहीं ये विज्ञापन एजेंसियां, करोड़ों की लगा दी चपत...नोटिस भी बेअसर!

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Published By Vikas Babu
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विज्ञापन एजेंसियों का खेल, टेंडर लेने के बाद नहीं जमा की रकम

बरेली, अमृत विचार: नगर निगम की आय का बड़ा स्रोत विज्ञापन भी है लेकिन एजेंसियां करोड़ों रुपये दबाए बैठी हैं। एजेंसियां तो विज्ञापन से कमाई कर रही हैं लेकिन निगम कंगाल होता जा रहा है। नोटिस जारी करने का भी असर एजेंसियों पर नहीं हुआ। अब नगर आयुक्त ने सभी अवैध विज्ञापनों को हटाने का निर्देश दिया है।

कुछ दिन पहले करीब ढाई करोड़ की अदायगी न करने पर नगर निगम ने विज्ञापन एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई कर उसके यूनिपोल को हटा दिया था। अफसरों ने दावा किया था कि इसका खर्च भी विज्ञापन एजेंसी से वसूल किया जाएगा लेकिन कुछ नहीं हुआ। अफसरों के मुताबिक एजेंसी को नवंबर तक चार करोड़ रुपये की अदायगी करनी थी लेकिन उसने सिर्फ डेढ़ करोड़ की धनराशि ही नगर निगम के खाते में जमा की है। नोटिस देने के बाद भी एजेंसी ने बकाया रकम अदा नहीं की। पर्यावरण अभियंता ने शुक्रवार को 35 लाख रुपये से अधिक रुपये दबाए बैठी नौ एजेंसियों को नोटिस जारी किया था।

विज्ञापन के टेंडर में अनियमितता का मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है...
नगर निगम में विज्ञापन टेंडर देने में अनियमितता का मामला सामने आ चुका है। आरोप था कि निगम अधिकारियों ने मिलीभगत से विज्ञापन का ठेका गलत तरीके से दिया था। तत्कालीन कमिश्नर ने इस मामले की जांच करवाई थी, जिसमें अनियमितता पकड़ी गई थी। इसके बावजूद दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और ठेका लेने वाली कंपनी का दो साल बाद नवीनीकरण हो गया था।

विज्ञापन के लिए वर्ष 2022 में तीन कंपनियों ने टेंडर भरा था, जिसमें एडटेक प्रिंट एंड मीडिया को 4.11 करोड़ रुपये में ठेका दे दिया गया। इस मामले में बन्नूवाल नगर निवासी शिव सांई एडवरटाइजिंग के मालिक हरीश कुमार ने शिकायत दर्ज कर नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया था। कोर्ट ने नगर निगम की 2020 की उपविधि को अवैध घोषित करते हुए इसे निरस्त किया और नगर निगम को निर्देश दिया कि अधिनियम का पालन करते हुए नई विज्ञापन उपविधि तैयार की 

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