प्रयागराज : साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफलता के आधार पर सुनवाई का एक और अवसर देना उचित नहीं

प्रयागराज : साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफलता के आधार पर सुनवाई का एक और अवसर देना उचित नहीं

प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफलता के आधार पर पक्षकारों को सुनवाई का एक और अवसर देने के मामले में कहा कि मामले की सुनवाई के दौरान पक्षकार द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत करने में असफल होने के आधार पर कोर्ट उसे साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए एक और अवसर नहीं प्रदान कर सकती, जब तक ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही में कोई प्रक्रियात्मक त्रुटि न पाई जाए।

उक्त आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने नीरज कुमार की अपील को खारिज करते हुए पारित किया। कोर्ट ने माना कि मौजूदा मामले में परिवार न्यायालय के आदेश में कोई प्रक्रियागत त्रुटि नहीं है। कोर्ट ने यह भी पाया कि याची ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपनी आय के बारे में पत्नी द्वारा दिए गए सबूत का खंडन करने या उन्हें चुनौती देने के लिए कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जबकि ट्रायल कोर्ट ने याची को साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए पर्याप्त अवसर दिया था, फिर भी वह पत्नी द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य का खंडन नहीं कर सका।

अतः परिवार न्यायालय, मथुरा का निर्णय एकपक्षीय नहीं माना जा सकता है। मामले के अनुसार पक्षकारों का विवाह वर्ष 2001 में हुआ और वर्ष 2014 में एक डिक्री द्वारा उनका विवाह भंग कर दिया गया, लेकिन स्थायी गुजारा भत्ता के भुगतान के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया गया। अतः विपक्षी/पत्नी ने सीआरपीसी की धारा 125 और 127 के तहत गुजारा भत्ता के लिए आवेदन किया, जिस पर सुनवाई करते हुए ट्रायल कोर्ट ने पत्नी के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसे चुनौती देते हुए याची/पति ने हाईकोर्ट के समक्ष वर्तमान याचिका दाखिल की।

यह भी पढ़ें- Prayagraj News : एससी/एसटी एक्ट के तहत मामले को विचारणीय मानते हुए शिक्षिका के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही पर लगाई रोक

ताजा समाचार