Amroha : धर्म ध्वजा के संग नागर दे रहे राष्ट्र एकता का संदेश, 12 हजार किलोमीटर की पदयात्रा

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Published By Bhawna
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 28 साल की उम्र में एक हाथ में राष्ट्रीय ध्वज तो दूसरे में भगवा झंडा लेकर निरदीप ने की बारह हजार किलोमीटर की पदयात्रा

एक हाथ में तिरंगा तो दूसरे में भगवा झंडा लेकर पैदल यात्रा करते निरदीप नागर

देव अमरीश कसाना,अमृत विचार। हसनपुर तहसील के विकासखंड गंगेश्वरी के गांव नवाबपुरा खादर निवासी 28 वर्षीय युवा निरदीप नागर ने 12 हजार किलोमीटर की पदयात्रा की है। भगवा वस्त्र धारण करने वाले इस युवा के एक हाथ में राष्ट्रीय ध्वज तो दूसरे हाथ में भगवा झंडा लेकर सनातन धर्म को बढ़ावा देते हुए तथा हिंदू एक जुटता को लेकर निरदीप अभी भी पैदल यात्रा की ओर है। निदरीप ने अब तक करीब 12 हजार किलोमीटर पैदल चलने के बाद उत्तराखंड,मध्य प्रदेश,गुजरात, महाराष्ट्र,तमिलनाडु,आंध्र प्रदेश के 10 अलग-अलग ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने के साथ चार सनातनी तीर्थ स्थलों पर मत्था टेक चुके हैं।

उन्होंने बताया कि 16 जुलाई वर्ष 2024 को उन्होंने अपने गांव नवाबपुरा खादर से यह पैदल यात्रा शुरू की थी। सर्वप्रथम उत्तराखंड के हरिद्वार से जल भरकर चार धामों केदारनाथ,बद्रीनाथ,गंगोत्री एवं यमुनोत्री के दर्शन किए। तत्पश्चात उन्होंने 12 अलग-अलग ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने के लिए करीब 18 हजार किलोमीटर पैदल यात्रा की शुरुआत की। जिनमें पैदल चलकर वह 10 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर चुके हैं।केवल दो ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के साथ करीब 6 हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा अभी शेष है।

12 हजार किलोमीटर पैदल यात्रा के साथ किए इन 10 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन
28 वर्षीय निरदीप नागर द्वारा अब तक उत्तराखंड के केदारनाथ ज्योतिर्लिंग।मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर व कालेश्वर ज्योतिर्लिंग।गुजरात के नागेश्वर व सोमनाथ ज्योतिर्लिंग।मध्य प्रदेश के त्रंबकेश्वर,धृनेश्वर व भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग। तमिलनाडु के रामेश्वर ज्योतिर्लिंग। तथा आंध्र प्रदेश के मल्लिकार्जुन शैलम ज्योतिर्लिंग के दर्शनों के साथ गुजरात के द्वारिका।उड़ीसा के जगन्नाथपुरी। हरिहरपूठ एवं श्रीलंका बॉर्डर के करीब राम सेतुपुल का भी दर्शन कर चुके हैं।

18 हजार किलोमीटर पैदल यात्रा के बाद अयोध्या पहुंचेंगे निरदीप
करीब 12 हजार किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा करने के बाद निरदीप 10 ज्योतिर्लिंगों तथा चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि अभी करीब 6 हजार किलोमीटर पैदल यात्रा कर उन्हें झारखंड के वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग तथा अंत में 12 वें ज्योतिर्लिंग के रूप में वह उत्तर प्रदेश स्थित काशी विश्वनाथ के दर्शन करेंगे तथा उसके बाद अयोध्या के भव्य राम मंदिर के दर्शन के बाद अपने गांव पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर 12 ज्योतिर्लिंग और चार धामों के दर्शन के लिए उन्हें करीब 18 हजार किलोमीटर पैदल यात्रा करनी है। जिसमें उन्हें कुल 1 वर्ष का समय लग जाएगा। निरदीप ने बताया कि पैदल यात्रा के दौरान उन्हें कई जगह खाने-पीने के साथ ठहरने की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। कई जगह तो सात्विक भोजन न मिलने की वजह से उन्होंने कई दिन भूखा रहकर गुजारे हैं।

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