कानपुर में KFCL की बंदी का मामला प्रधानमंत्री तक पहुंचा, एटक के जिला सचिव ने पीएम को भेजा ज्ञापन, कहा ये...
कानपुर, अमृत विचार। केएफसीएल में रसायनिक खाद का उत्पादन फिर से शुरू किए जाने को लेकर श्रम संगठनों ने प्रयास तेज कर दिए हैं। एटक (आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस) के जिला सचिव असित सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ईमेल से ज्ञापन भेजा है। उनका कहना है कि एटक की राष्ट्रीय महासचिव अमरजीत कौर जल्द केंद्र सरकार से मिलकर कारखाना बंद होने से बचाने का प्रयास करेंगी। सीटू और भारतीय मजदूर संघ भी सक्रिय हो गया है।
प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा गया है कि गेल (गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) से गैस आपूर्ति बंद होने से कारखाने में यूरिया खाद का उत्पादन ठप है। यहां हर महीने 67 हजार मीट्रिक टन खाद का उत्पादन होता है। स्थायी और ठेका मिलाकर 1500 श्रमिक काम पर लगे हैं, जिनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। भारत सरकार द्वारा किसानों को सस्ती खाद उपलब्ध कराने के लिए केएफसीएल को सब्सिडी दी जा रही थी।
लेकिन कंपनी को समय से सब्सिडी न मिलने से गेल ने बीते 17 दिसम्बर से गैस की आपूर्ति बंद कर दी थी। नतीजतन उत्पादन ठप पड़ा है। अब तालाबंदी की नौबत आ गयी है। सेवायोजकों ने कारखाना चलाने में असमर्थता जता दी है। प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप कर कारखाने में खाद का उत्पादन शुरू कराने की मांग की गई है। उधर, सीटू के कार्यालय सचिव रामप्रकाश राय ने बताया कि मंगलवार को श्रमायुक्त को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महासचिव अनिल उपाध्याय के अनुसार केएफसीएल में उनकी यूनियन नहीं है, लेकिन कारखाने को बचाने के लिए वह श्रमायुक्त और संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं। सोमवार को औद्योगिक विवाद देखने वाले उप श्रमायुक्त अजय मिश्रा ने बताया कि केएफसीएल के निदेशकों से बात हुई है। सब्सिडी बहाल करने प्रयास जारी हैं। श्रम अशांति नहीं होने दी जाएगी।
केएफसीएल, गेल व मंत्रालय के बीच एमओयू की चर्चा
कारखाने में उत्पादन प्रक्रिया शुरू कराने की संभावना को लेकर केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालय की सचिव ने केएफसीएल के एक वरिष्ठ निदेशक से जानकारी ली है। उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार जब कारखाना बंदी की वजह गैस आपूर्ति ठप होना बताया गया तो उन्होंने कहा कि वह इस पर बात करेंगी। चर्चा हुई है कि खाद पर सब्सिडी रिलीज होने की सूरत में गेल का भुगतान सीधे उसके खाते में भेजा जाएगा। जानकारी के मुताबिक केएफसीएल, गेल और संबंधित मंत्रालय के बीच एमओयू (आपसी समझ पत्र) का ड्राफ्ट तैयार किया जाने की भी चर्चा है।
