बरेली: दस साल में उग आईं झाड़ियां...तब जाकर आईटीआई के अधूरे भवन निर्माण की ली सुध
सपा सरकार में 2012 में 230 लाख रुपये खर्च कर भवन का हुआ था निर्माण

बरेली, अमृत विचार। सपा सरकार में मीरगंज क्षेत्र के सिधौली में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्वीकृत कराकर 230 लाख रुपये की लागत से उसके भवन का निर्माण कराया, ताकि मीरगंज तहसील क्षेत्र के युवाओं को आईटीआई की पढ़ाई के लिए बाहर जाना न पड़े लेकिन बजट कम पड़ने की वजह से आईटीआई भवन का निर्माण अधूरा रह गया। दस साल से बजट की आस में अधूरा भवन भी खंडहर जैसा हो गया। मुख्य गेट के सामने और परिसर में झाड़ियां उग आईं। आईटीआई सिधौली के नाम से कागजों में शुरू हो गयी लेकिन यहां प्रवेश कराकर बच्चों की पढ़ाई सीबीगंज आईटीआई में करायी जा रही है।
अब प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत वर्क डन एवं वर्क टू बी डन के आधार पर अवशेष भवन का निर्माण होगा। शासन ने इसके लिए 412.47 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं। लखनऊ की संस्था से कार्य हटाकर ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को निर्माण की जिम्मेदारी दी गयी है। दरअसल, अल्पसंख्यक कल्याण अनुभाग ने एमएसडीपी योजना के तहत राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सिधौली, मीरगंज के भवन निर्माण के लिए कंस्ट्रक्शन एवं डिजाइन सर्विसेज लखनऊ को कार्यदायी संस्था नामित करते हुए भवन के लिए 230 लाख के बजट को अनुमोदित किया। दो किस्तों में शासन ने पूरी रकम आवंटित की थी। भवन निर्माण के लिए बजट न मिलने की वजह से निर्माण अवशेष रह गया। उसके बाद से सपा सरकार में और बजट नहीं मिला। 2017 में भाजपा सरकार आ गयी लेकिन आईटीआई के अवशेष निर्माण के लिए बजट नहीं मिला लेकिन आईटीआई सिधौली का संचालन शुरू कर बच्चों के प्रवेश कराए और उन्हें सीबीगंज आईटीआई में पढ़ने के लिए अटैच कर दिया।
तब से बच्चे यहीं पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन आईटीआई सिधौली का अधूरा भवन इन सालों में खंडहर जैसा हो गया। बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आयी हैं। मुख्य गेट की हालत बेहद खराब है। चैनल में ताला पड़ा है। गंदगी फैली रहती है। सालों से परिसर की सफाई तक नहीं हुई है। प्रधानाचार्य आईटीआई शिवकुमार ने बताया कि सिधौली आईटीआई का भवन अधूरा है इसलिए सिधौली आईटीआई के करीब 200 बच्चे सीबीगंज आईटीआई में अध्ययनरत हैं। इसमें छह ट्रेड हैं।
वर्क डन एवं वर्क टू बी डन के आधार पर होगा अवशेष भवन का निर्माण
आईटीआई सिधौली के स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष भवन का निर्माण पूर्ण न होने के दृष्टिगत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विचार विमर्श हुआ। उसमें यह मत स्थिर किया गया कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत बजट के अभाव में जिन आईटीआई के भवन निर्माण कार्य रुके हुए हैं, उनका अवशेष निर्माण कार्य विभागीय बजट से पूर्ण कराया जाए। इस निर्णय के क्रम में आईटीआई सिधौली के निर्माण कार्य को पूरा कराने के संबंध में जनपद स्तर पर गठित समिति ने स्थलीय निरीक्षण किया और इस कार्य को वर्क डन एवं वर्क टू बी डन के आधार पर कराए जाने की संस्तुति प्रदान की। इसके साथ ही कार्यदायी संस्था को परवर्तित करते हुए उसके स्थान पर ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को कार्यदायी संस्था नामित किया गया। कार्यदायी संस्था ने वर्क डन एवं वर्क टू बी डन के आधार पर अवशेष भवन निर्माण का आकलन किया और 412.47 लाख रुपये का आगणन तैयार कर भेजा। शासन ने राज्यपाल की सहमति के बाद वर्क डन के लिए 170.05 लाख और वर्क टू बी डन के लिए 242.42 लाख की धनराशि स्वीकृत की है।
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