कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन पर अब आ सकेंगी 24 कोच की ट्रेनें: यात्रियों की बढ़ेंगीं सुविधाएं, अब बाधाएं भी होंगी दूर...

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Published By Nitesh Mishra
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लाइनों पर वाटरिंग सिस्टम हुआ लागू, ट्रेनों में मिलने लगा पानी

कानपुर, अमृत विचार। गोविंदपुरी स्टेशन ने टर्मिनल की ओर कदम बढ़ा दिया है। अब एक नंबर प्लेटफार्म पर 24 कोच की ट्रेनें आ सकेंगी। बोल्डर वाली लाइनें सीमेंटेड हो चुकी हैं। वाटरिंग सिस्टम चालू है। लंबी दूरी की ट्रेनों को पानी मिलने लगा और पार्किग का दायरा बढ़ाया गया है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत लिफ्ट, एक्सेलेटर, मल्टीस्टोरी बिल्डिंग सहित आधुनिक सुविधाओं से स्टेशन तैयार हो रहा है। गोविंदपुरी को टर्मिनल स्टेशन के रूप में तैयार किया जा रहा है।  

सीमेंटेड लाइन बनने से गोविंदपुरी स्टेशन पर 24 कोच की ट्रेनें रुकने का रास्ता साफ हो गया है। वाटरिंग सिस्टम से कोचों को पानी मिलने लगा है। सेंट्रल के वैकल्पित स्टेशन के रूप में गोविंदपुरी को सुविधाएं मिलने लगी हैं। अब ट्रेनों को गोविंदपुरी पर स्टॉपेज मिलने लगा है। जिससे ट्रेनों की संख्या बढ़ी है। अमृत भारत स्टेशन योजना के काम पूरा होते ही सेंट्रल की तरह ही गोविंदपुरी स्टेशन से कई रूट की ट्रेनें मिलेंगी। 

मौजूदा समय में ही महाकुंभ की एक दर्जन स्पेशल ट्रेनों का संचालन यहीं से हो रहा है। स्टेशन लगातार टर्मिनल बनाने की दिशा में बढ़ रहा है। कई ट्रेनों का ठहराव भी प्रस्तावित है। सेंट्रल से चलने वाली लंबी दूरी की कई ट्रेनों को ट्रायल के तौर पर गोविंदपुरी से गुजारा जा रहा है। यह ट्रेनें सेंट्रल स्टेशन नहीं आती हैं। 

Govindpuri Station 11

दिल्ली हावड़ा रूट पर 100 से ज्यादा ट्रेनें गोविंदपुरी, सेंट्रल से होकर जाती हैं। इनमें काफी ट्रेनें ऐसी हैं जिनका यात्री लोड सेंट्रल पर न के बराबर है। अब इन ट्रेनों को सेंट्रल न ले जाकर गोविंदपुरी से ही गुजारने की योजना पर काम चल रहा है। 

आधुनिकता पर हुआ काम 

गोविंदपुरी स्टेशन पर कोच इंडिकेशन बोर्ड, इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले, फ्रीजर, नई लूप लाइन और प्लेटफार्मों का सुधार हुआ है। वाटरिंग सिस्टम का कनेक्शन ओवरहेड टैंक से किया गया है। फूड प्लाजा, वीआईपी यात्री प्रतीक्षालय पर काम चालू है। नियमित व स्पेशल ट्रेनों के साथ अधिकांश मेमू गोविंदपुरी से ही प्रयागराज रूट पर चलाने की तैयारी को मूर्त रूप दिया जा रहा है। 

बाधाएं भी हुई दूर 

डायमंड क्रॉसिंगों को खत्म किया गया। जिससे गोविंदपुरी से झांसी व दिल्ली रूट पर जाने के लिए अलग-अलग लाइन हो गईं। अब झांसी से गोविंदपुरी आने वाली ट्रेन भीमसेन के पास नहीं रुकती हैं। पहले दिल्ली से आने वाली ट्रेनों को रेड सिग्नल न मिले तो खड़ी हो जाती थीं। दोनों लाइनें स्वतंत्र होने से यह बाधा भी खत्म हो गई है। इससे गोविंदपुरी को टर्मिनल बनाने की तैयारी तेज है। टर्मिनल बनने के बाद सुपरफास्ट व प्रीमियर ट्रेनों को भी चलाया जाएगा। यात्री सुविधाएं पूरी होने पर रेलवे बोर्ड की हरी झंडी का ही इंतजार रहेगा। 

बढ़ेंगीं यात्री सुविधाएं 

- दिल्ली साइड फूट ओवरब्रिज और बड़े पार्किंग स्थल का काम चालू 
- लिफ्ट, एक्सेलेटर, रिजर्वेश्न काउंटर के साथ रेल कोच रेस्टोरेंट   
- सीमेंटेड हुए प्लेटफार्म, दो प्लेटफार्म और बनाने का काम चालू 
- पेयजल के लिए ओवरहेड टंकी का निर्माण चालू है 
- टॉयलेट, सीटिंग चेयर, प्लेटफार्म पर शेड को और वृहद किया जा रहा

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