बरेली में यहां बनेगा मियावाकी फॉरेस्ट और पार्क, 1.77 करोड़ की पहली किस्त मिली
बरेली, अमृत विचार: परसाखेड़ा गौंटिया में उपवन योजना के तहत मियावाकी फॉरेस्ट और पार्क विकसित करने के लिए नगर विकास विभाग ने पहली किस्त के रूप में 1.77 करोड़ का बजट जारी कर दिया है। नगर निगम ने इसके बाद काम शुरू करने की तैयारी चालू कर दी है।
स्मार्ट सिटी इंदौर की तरह सीमित स्थान पर पौधरोपण कर मियावाकी पद्धति से घना जंगल विकसित करने की योजना है। नगर निगम ने इसके लिए परसाखेड़ा गौंटिया में भूमि चिह्नित की है जहां 2.21 करोड़ की लागत से चंपा, बॉटल ब्रश, जेट्रोफा, बांस, कनेर, आडू, नासपाती, शहतूत, मेहंदी, तुलसी,पारस, पीपल, जामुन, मौलश्री, अर्जुन, पिलखन, शीशम, गोल्डमोहर, कैजुरिना, सुखचैन, गूलर, अशोक, फाइकस, टिकोमा आदि प्रजातियों के ऐसे पौधे लगाए जाएंगे जो कम समय में तैयार हो जाते हैं।
ये है मियावाकी पद्धति
मियावाकी पद्धति में एक वर्गमीटर जमीन पर तीन से पांच पौधे लगाए जाते हैं जिनकी ऊंचाई 60 से 80 सेमी होती है। यह जंगल सामान्य की तुलना में 30 गुना घना होता है। वैसे एक जंगल तैयार करने में 50 से ज्यादा साल लग जाते हैं, लेकिन मियावाकी पद्धति से पांच से 10 साल में जंगल तैयार हो जाता है।पारिस्थितिकी तंत्र के अनुकूल देसी प्रजातियों के पौधे लगाए जाने से उन पर रोग और कीट का प्रकोप कम होता है।
मियावाकी पद्धति से घना जंगल विकसित करने के लिए पहली किस्त जारी हो गई है। काम शुरू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। आने वाले समय में पर्यटन के लिए बेहतर स्थान बनेगा। पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होगा- संजीव कुमार मौर्य, नगर आयुक्त।
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