कानपुर में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने सीईटीपी का औचक निरीक्षण किया: अधिकारी भी मौजूद रहे...
कानपुर, अमृत विचार। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने गुरुवार को जाजमऊ स्थित 20 एमएलडी सीईटीपी का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान सीईटीपी तो संचालित मिला, लेकिन प्लांट से जुड़े कई (कंपोनेंट) कार्य अधूरे मिले। जबकि नियमानुसार उन्हें पूरे होने चाहिये। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जाहिर करते हुये ठेकेदार कम्पनी मेसर्स वीए टेक वाबाग के वेतन से कटौती कर भरपाई के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी सीईटीपी के इरिगेशन चैनल पर भी पहुंचे, यहां कई स्थानों पर चैनल टूटा मिला। इरिगेशन चैनल पर तोड़-फोड़ एवं समतल किये जाने वाले दोषी व्यत्तियों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिये, साथ ही नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इरिगेशन चैनल का उत्प्रवाह किसी भी दशा में गंगा नदी में निस्तारित न हो।

जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान सीईटीपी की इकाईयां जैसे पीएसटी, एसएचटी फ्लैश मिक्सर, एफएसटी, एरिएशन टैंक, प्लेट फिल्टर, स्लज थिकनर देखा जो संचालित मिले, जबकि मल्टीपल साल्ट रिकवरी एवं इवैपोरेटर सिस्टम, एवं अल्ट्राफिल्ट्रेशन इकाई में कमीशनिंग का कार्य अधूरा मिला। सीईटीपी के कम्पोनेन्ट कंवेंशन लाइन एवं मैनहोल का कार्य भी पूरा नहीं मिला।
जिस पर कंपनी पर कार्यवाही के निर्देश दिये। उन्होंने यहां यूपीपीपीबी के अधिकारियों से जानकारी ली और कहा कि महाकुम्भ-2025 के दौरान किसी भी दशा में अनुपचारित सीवेज, औद्योगिक उत्प्रवाह गंगा नदी में निस्तारित न हो। जिलाधिकारी इरिगेशन चैनल पहुंचे तो यहा पर तोड़-फोड़ मिली, कई स्थानों पर इरिगेशन को समतल मिला। जिस पर दोषी व्यत्तियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये। अधिकारियों से उन्होंने कहा कि 12 फरवरी को इस संबंध में परियोजना से सम्बन्धित समस्त विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की जाये।
कानपुर में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने जाजमऊ स्थित 20 एमएलडी सीईटीपी का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ संबंधित विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।
