Lucknow Flower Show 2025: गुनगुनी धूप के बीच फूलों से बनी आकृतियों ने लुभाया
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लखनऊ, अमृत विचार: राजभवन के प्रांगण में शुक्रवार को तीन दिवसीय पुष्प, फल और शाक-भाजी प्रदर्शनी की शुरुआत हुई। बसंत ऋतु की गुनगुनी धूप के बीच फूलों की लाखों प्रजातियां और उनसे बनी आकृतियों ने दर्शकों को लुभाया। खास तौर से यहां अयोध्या की तर्ज पर बनाया गया राम मंदिर और गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति ने लोगों को आकर्षित किया।
प्रदर्शनी में सब्जियों, फलों के साथ कपड़ों और खानपान की वस्तुओं के भी स्टॉल लगे हैं। कुल 1,774 प्रतिभागी शामिल हुए हैं। इसमें नगर निगम ने वेस्ट टू वंडर प्रोडक्ट बनाकर दर्शाया है। कान्हा उपवन में बनने वाले गोबर के दिये, मूर्तियां, हवन लकड़ी, जैविक खाद आदि उत्पाद स्टॉलों पर प्रदर्शित किए। वाहनों के स्पेयर पार्ट से बने जानवर भी प्रदर्शनी में लगाए। इसके अलावा शहर में निकलने वाले मलबे से ब्रिक्स, गमला, दीवार आदि निर्माण सामग्री स्टॉल के माध्यम से प्रदर्शित की। प्लांट में कचरा से खाद और प्लास्टिक पैलेट्स का प्रस्तुतिकरण किया। वहीं, कान्हा उपवन में बने गोबर के कई तरह के उत्पादों ने प्रदर्शनी की शोभा बढ़ाई।
वाहनों के वेस्ट ये बनाए जानवरों के मॉडल
प्रदर्शनी में गिद्ध, चीटी, मकड़ी, उल्लू, घोंघा, छिपकली, मगरमच्छ, मेढक, पेंगुइन, मैफलॉन, फील्ड छिपकली जैसे जीव जंतु के मॉडल बनाकर प्रदर्शनी में लगाए हैं। जो राजभवन के बड़े गार्डन में सजाए गए हैं। यह सभी मॉडल वाहनों के वेस्ट लोहा और कबाड़ यानी निस्प्रोज्य सामग्रियों को रीसाइकिल करके बनाए हैं। इसी तरह नगर निगम आगे शहर के सभी पार्कों में ऐस रीसाइकिल ऑब्जेक्ट्स तैयार करके लगाएगा। इसके अलावा नगर निगम मोहनलालगंज स्थित सी एंड डी प्लांट में मलबा से ब्रिक्स, गमला, दीवार, टाइल्स और बाउन्ड्रीवॉल तैयार कर रह है। प्रदर्शनी में यह सामग्रियों लोगों को पसंद आईं।
गीले कूड़े से बन रही खाद
प्रदर्शनी में नगर निगम ने शिवरी प्लांट में गीला कूड़ा निस्तारण करके गमले और खेतों के लिए तैयार की जाने वाली जैविक खाद प्रदर्शित की। वहां आए लोगों को बताया कि यह खाद खेती, बागवानी और पौधों में करते हैं। किचन वेस्ट से तैयार यह खाद मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है। इससे गुणवत्ता बढ़ती और उत्पाद अधिक होता है। यह पूरी तरह से केमिकल मुक्त है। इससे मिट्टी और पौधों के साथ सेहत को भी नुकसान नहीं पहुंचता है।
गोबर के दिये और हवन लकड़ी करते तैयार
प्रदर्शनी में नगर निगम के स्टॉलों पर लोगों को अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद राव ने उत्पादों की जानकारी दी। बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कान्हा उपवन में संरक्षित गोवंश के गोबर से दीपक, गणेश-लक्ष्मी और भगवान कुबेर की मूर्तियों के साथ हवन लकड़ी समेत अन्य उत्पाद बनातीं है। इनकी बिक्री से होनी वाली आय गोवंशों का भरण पोषण में उपयोग करते हैं। दीपक 5 से 10 रुपये, मूर्तियां 100-300 रुपये, नवग्रह हवन लकड़ी 50-200 रुपये तक वजन के अनुसार बिक्री करते हैं।
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