Kanpur: टहलाने ले जाएं तो दूसरे कुत्तों से रखें दूर, संपर्क में आने से डॉग्स में पारवो वायरस होने का खतरा

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। कुत्तों पर पारवो वायरस का अटैक पड़ना शुरू हो गया है। एक महीने में 50 से ज्यादा बीमार कुत्तों का इलाज पशु चिकित्सालय में हो चुका है। यह वायरस मौसम के बदलने की वजह से इन जानवरों में फैलता है। दूसरे कुत्तों के संपर्क में आने से भी यह वायरस कुत्तों को बीमार करता है। इसलिए जरूरी है कि पालतू कुत्तों को घर के बाहर टहलाने ले जाएं तो किसी अन्य या आवारा कुत्ते के नजदीक न जाने दें।

राजकीय पशु चिकित्सा पाली क्लीनिक रावतपुर के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. नीरज सचान ने बताया कि कैनाइन ब्लीड के सभी कुत्तों में यह वायरस मौत का कारण भी बनता है। उन्होंने बताया कि इस मौसम में कुत्तों को यह बीमारी होती है। इसमें कुत्ते को उल्टी होती है। लाल रंग की पतला व बदबूदार मल निकलता है। कुत्ता कमजोर हो जाता है और उसे ठंड ज्यादा लगने लगती है। समय पर इलाज नहीं मिलने से उसकी मौत भी हो सकती है। 

उन्होंने बताया कि पालतू कुत्तों को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। कुत्ते को यदि बाहर टहलाने ले जा रहे हैं तो वह किसी अन्य कुत्ते के संपर्क में न आने दें। दूसरे कुत्ते के मुंह से निकली हवा से भी यह वायरस दूसरे कुत्ते पर अटैक कर सकता है। इस रोग से पीड़ित प्रतिदिन करीब 2 से 3 की औसत में कुत्ते आ रहे हैं। कई की हालत ज्यादा गंभीर होती है।

नाइन इन वन का वैक्सीनेशन जरूरी

डॉ. नीरज सचान ने बताया कि इस बीमारी से बचाने के लिए जरूरी है कि जन्म के 45 दिन में टीका लगवा लेना चाहिए। नाइन इन वन का वैक्सीनेशन होने के बाद इन जानवरों को इस घातक वायरस से सुरक्षित किया जा सकता है। बीमारी होने पर 7 दिन लगातार इलाज चलता है।

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