Prayagraj News : किसी व्यक्ति को भू-माफिया घोषित करने के लिए उचित नियमों के निर्माण की आवश्यकता

Prayagraj, Amrit Vichar : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि अवैध रूप से किसी व्यक्ति को भू माफिया घोषित करना अनुचित है। इसके लिए उचित नियम बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि किसी व्यक्ति को बिना किसी नियम के भू-माफिया घोषित करने से उसके महत्वपूर्ण अधिकारों का हनन होने की संभावना है।
उक्त आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने बनवारी लाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, साथ ही संबंधित सचिव को निर्देश दिया कि 3 सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल कर इस संबंध में बने नियमों पर प्रकाश डालें। अंत में कोर्ट ने मामले पर विचार करने की आवश्यकता महसूस करते हुए इसे आगामी 6 मार्च के लिए स्थगित कर दिया। याची विपक्षियों द्वारा उसे भू-माफिया घोषित किए जाने से व्यथित था, इसलिए उसने भूमि हड़पने वालों की सूची से उसका नाम हटाने की प्रार्थना करते हुए वर्तमान याचिका दाखिल की।
याची का तर्क है कि उसके विरुद्ध केवल स्कूल की भूमि पर अतिक्रमण करने का आरोप था और उसमें भी कोई विशेष तथ्य नहीं मिले, इसलिए सीआरपीसी की धारा 133 के तहत शुरू की गई कार्यवाही को संबंधित प्राधिकारी द्वारा रद्द कर दिया गया। इसके अलावा जिला मजिस्ट्रेट, आगरा के कार्यालय ने भी याची का नाम भू-माफियाओं की सूची से हटाने के लिए संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा था, लेकिन अधिकारियों ने याची का नाम भू माफिया की सूची से हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे उसकी प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। याची के अधिवक्ता की ओर से यह भी तर्क दिया गया कि इस प्रकार याची को भू-माफिया घोषित करके आम जनता के बीच यूं उसकी प्रतिष्ठा और गरिमा का उपहास उड़ाना पूरी तरह असंवैधानिक है।
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