बिजनौर : किसान का बेटा बना इसरो में वैज्ञानिक, रोशन किया जिले और परिवार का नाम 

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
On

बिजनौर, अमृत विचार। बिजनौर जिले की ग्राम पंचायत किरतपुर के एक साधारण किसान परिवार में जन्मे दीपांशु कुमार ने अपनी मेहनत और लगन से देश के प्रतिष्ठित अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में सहायक वैज्ञानिक के पद पर चयनित होकर अपने गांव, जिले और परिवार का नाम रोशन किया है। 

दीपांशु कुमार का जन्म कृष्णपाल सिंह के घर हुआ था, जो एक साधारण किसान हैं। उन्होंने दीपांशु को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया। दीपांशु ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कृषक इंटर कॉलेज, धुंधली से प्राप्त की। जहां उन्होंने 2010 में 10वीं और 2012 में 12वीं की परीक्षा विज्ञान विषय से उत्तीर्ण की। इसके बाद, उन्होंने राजकीय पॉलिटेक्निक, गाजियाबाद से यांत्रिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा पूरा किया और पूरे देश में प्रथम रैंक हासिल की। दीपांशु वर्तमान में कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत हैं। उनकी इस सफलता ने न केवल उनके परिवार और गांव को गौरवान्वित किया है, बल्कि पूरे जिले को भी गर्व से भर दिया है। 

दीपांशु ने इस सफलता का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता, भाई और मित्रों को दिया है। उनके बड़े भाई हिमांशु कुमार, जो वन विभाग में कार्यरत हैं, ने भी उनकी सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। दीपांशु कुमार ने बताया कि उनका बचपन से ही वैज्ञानिक बनने का सपना था। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में एक यांत्रिक इंजीनियर के रूप में देश की सेवा करना था। दीपांशु कुमार की सफलता की खबर ने उनके गांव और जिले में खुशी की लहर दौड़ा दी है। उनके परिवार और मित्रों ने उनकी सफलता पर बधाई दी है और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। 

ये भी पढ़ें : Moradabad : महाशिवरात्रि के पर्व से पहले SSP ने किया रूट डायवर्ट, ऐसे होगा यातायात संचालित

संबंधित समाचार