Video: बाल्टियों से पानी भरकर ले जानें को मजबूर लोग, बोले पार्षद- विपक्षी पार्टी के समर्थकों को ही हो रही परेशानी
लखनऊ, अमृत विचारः सरकार एक ओर स्वच्छ भारत अभियान चला रही है। दूसरी ओर वार्डों में गंदगी पसरी हुई हैं। नाले गंदगी से पटे पड़े हैं, पानी के पानी की किल्लत से लोग परेशान ही। ऐसे में लोगों का सिर्फ एक ही सवाल है की आखिर कब उन्हें इस परेशानी से निजात मिलेगी। लोगों का कहना है कि लाख शिकायतों के बाद भी स्थानीय पार्षद उन्हें टरका रहे हैं। हम बात कर रहे हैं महानगर के सेक्टर 62 की। जहां के लोगों ने बात कही है। कई लोग स्वयं सफाई करते हैं। अक्सर गंदा पानी ओवरफ्लो हो जाता है। स्थानीय लोग कहते हैं कि अब आदत सी हो गई है। जिम्मेदार सुनने को तैयार नहीं है। हम लोग तो स्वयं ही सफाई कर किसी तरह निजात पाते हैं।
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कभी-कभी आते हैं सफाई कर्मी
क्षेत्र में नालियों से लेकर सड़कों की सफाई करने कर्मचारी आते ही नहीं हैं, जो आते हैं वो सुनते नहीं है। इससे लोग मजबूर होकर कई बार खुद नालियों की सफाई करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम के कर्मचारी नालियों की सफाई करने कभी नहीं आते। इससे नालियां चोक रहती हैं। नगर निगम से कई बार शिकायत करने के बाद भी जब कोई नहीं आता है तो लोग खुद अपने घर के आगे नालियां साफ करते हैं।
पानी की किल्लत से जुझ रहे लोग
वार्ड 62 में दूसरी सबसे बड़ी समस्या पानी की है। लोगों को पानी की कमी से जुझना पड़ रहा है। कई घरों में तो पानी का कनेक्शन तक नहीं हैं। लोगों को पानी के लिए आज भी पैदल चलकर दूर-दूर जाना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि हर कुछ दिनों में सरकारी नल खराब हो जाता है। जिसकी वजह से पानी की काफी समस्या हो जाती है।
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लटक रहे खम्भे
यहां पर गलियां संकरी हैं। उसमें बिजली के खंभों पर तारों का संजाल मकान की छतों और दीवार को स्पर्श कर रहा है। निवासी बताते हैं कि स्ट्रीट लाईट जलती ही नहीं है, अंधेरा रहता है। कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हाल यह है कि एक गली में बिजली का खंभा टेढ़ा हो गया तो यह कहीं गिर न जाए तो पड़ोस के लोगों ने खंभे को रस्सी से बांधकर एक मकान की छत से बांध दिया है। इस खंभे पर भी तारों का मकड़जाल देखने को मिलता है। नीचे का खंभा टूटा भी हुआ है। पड़ोसी एक दीवार दिखाते हैं और कहते हैं कि बरसात में सबको मालूम है कि इस दीवार में करंट आएगा तो कोई इसे छूता नहीं है।
डंपिंग यार्ड में खड़ी कर दी गई खराब मशीन, सड़क पर ही डाल रहे कूडा
महानगर से विकासनगर जाने वाली सड़क जब रहीमनगर से गुजरती है तो यहां सड़क के किनारे ही करीब दो ट्रक कूड़ा आपको मिल जाएगा। हालांकि सामने ही डंपिग यार्ड बना हुआ है लेकिन उसमें नगर निगम की एक खराब मशीन खड़ी कर दी गई है। तो कूड़ा सड़क पर डाला जाता है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि तीन दिन तक कूड़ा पड़ा रहता है। अगले दिन सुबह फिर से और कूड़ा उसमें बढ़ जाता है। नतीजा तीन-चार दिनों में हालात और खराब हो जाते हैं।
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कूड़े में भोजन तलाशते आवारा पशु बनते हैं दुर्घटना का कारण
सड़क पर कूड़ा पड़ा है। उसी के इर्द-गिर्द आवारा पशु जमा रहते हैं। कूड़े में भोजन ढूंढने वाले कुत्ते, गाय और सांड आए दिन भिड़ जाते हैं। आवारा पशुओं में ऐसी जंग छिड़ती है कि यातायात रुक जाता है और लोग सुरक्षित स्थान तलाशने लगते हैं। आवारा पशुओं की लड़ाई में कई बार वाहन चालक चोटिल हो चुके हैं। गाड़ी क्षतिग्रस्त होती है अलग से।
सफाई को बोला तो हो जाते हैं लड़ाई पर आमादा
सफाई के लिए लोग यहां झाडू़ लगाने आते हैं लेकिन सफाई के लिए जब जगह दिखाई जाती है और चोक नालियों को साफ करने को कहा जाता है तो वह झगड़े पर आमादा हो जाते हैं। सफाई के नाम पर कोरम पूरा किया जाता है। किराना दुकानदार का कहना है कि यदि उनको सफाई के लिए बोला जाता है या तो पैसा दो या फिर लड़ाई करो।
महिलाओं ने पार्षद से शिकायत किया
यहां रह रहीं महिलाओं ने बताया कि पीने के पानी में गंदगी आती है, बालू और मिट्टी भी रहती है जिसकी शिकायत स्थानीय पार्षद से की गई। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। यहां पर लगभग सभी सबमर्सिबल खराब पड़े हैं। सरकारी हैंडपंप तो लगाए गए हैं लेकिन अरसे से खराब हैं।
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सड़क के बीचो-बीच हैंडपंप के निकले हिस्से, कब कौन टकरा जाए पता नहीं
सड़क के बीचो-बीच हैंडपंप के करीब एक-एक फीट के निकले लोहे के हिस्से सड़क पर निकले हुए हैं। उन्हीं के बीच से कट मारते हुए दोपहिया वाहन सवार निकलते हैं। असावधानी हुई के चोटिल हुए और वाहन भी क्षतिग्रस्त हुआ।
कीड़े नाली से निकल घरों में रेंगते हैं
एक महिला पर्दे के भीतर से बोलती है। बहुत समस्या है, आप नाली देख लिजिए सब जाम मिलेगा। कभी सफाई नहीं होती है। बरसात के दिन में तो जीना हराम हो जाता है। नालियों में से कीड़े निकलकर घरों में रेंगने लगते हैं। कोई सुनता नहीं।
हाथों में गिलास और उसमें गंदा पानी दिखाते मिले लोग
स्थानीय लोगों ने बताया कि पानी की समस्या यहां कम नहीं है। पानी गंदा मिलता है। जल के साथ गंदगी आती है। इसमें बदबू होती है। मटमैला दूषित पानी यहां के लोगों के नसीब में रह गया है। कहने पर सिर्फ आश्वासन मिलता है। लंबे समय से यहां गंदा पानी आ रहा है।
मेरे विरोधी हैं मेरे खिलाफ बोलेंगे ही
यहां के स्थानीय पार्षद हरिशचंद्र लोधी कहते हैं कि गत 15 वर्षो से पार्षद हैं। उनकी पत्नी भी पार्षद रह चुकी हैं। वह कहते हैं कि समस्या कोई नहीं है, सिर्फ हमारे विरोधी दुष्प्रचार करते हैं। उनसे जब पानी की समस्या को लेकर चर्चा की गई तो बोले कहां बनवाएं टंकी, आप बताइए। यहां जगह ही नहीं हैं। रामलीला मैदान में एक नलकूप बनकर तैयार है। सुबह 2 से 11 बजे तक पानी आता है, 8-10 सबमर्सिबल लगे हैं। लोग यहां किराएदार रखे हुए हैं। उन्हें पानी नहीं देते हैं। वही किराएदार शिकायत करते हैं।
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