मेरा करियर आलोचना के सहारे ही बना है, मैं इसका आनंद लेता हूं : जॉन अब्राहम
मुंबई। अभिनेता-फिल्म निर्माता जॉन अब्राहम का कहना है कि उनके दो दशक से अधिक लंबे करियर में उन्हें अक्सर नजरअंदाज किया गया लेकिन दर्शकों ने उन्हें आगे बढ़ाया और वह इसका सम्मान करते हैं। अब्राहम ने कहा कि वह अच्छी फिल्में करके इसका बदला चुकाना चाहते हैं। वह 'धूम', 'रेस 2', 'सत्यमेव जयते', 'ढिशूम' और 'पठान', 'गरम मसाला', 'दोस्ताना', 'हाउसफुल 2', 'वाटर', 'नो स्मोकिंग', 'न्यूयॉर्क', 'मद्रास कैफे', 'परमाणु' और 'वेदा' जैसी अलग-अलग तरह की फिल्मों में काम कर चुके हैं।
अब्राहम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सच्ची घटनाओं पर आधारित उनकी आगामी फिल्म "द डिप्लोमैट" दर्शकों को बहुत पसंद आएगी। अब्राहम ने साक्षात्कार में कहा, “लोग पहले कहते थे कि 'परमाणु' मेरी पहली फिल्म है, क्योंकि मैं चार साल तक नदारद रहा था। मुझे हर दिन नजरअंदाज किया जाता है और यह ठीक है, मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है। मेरा करियर आलोचनाओं पर आधारित रहा है और मैं इसका आनंद लेता हूं।”
उन्होंने कहा, मुझे आगे बढ़ाने वाली एकमात्र चीज मेरे दर्शक हैं। व्यापार जगत के लोग, निर्माता, आलोचक सभी आपको कमाई के आधार पर आंकते हैं और मैं यह सब समझता हूं, और इसका सम्मान करता हूं। यह व्यवसाय है। लेकिन जिन्होंने मुझे आगे बढ़ाया है और जीवित रखा है, वे मेरे दर्शक हैं। मैंने 'द डिप्लोमैट' उन्हीं दर्शकों के लिए बनाई है।
फिल्म उद्योग के लिए कमाई के नजरिये से यह वर्ष बहुत खराब रहा और अब्राहम का मानना है कि अब बुनियादी बातों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि किसी भी कहानी को दर्शकों के बीच पहुंचाने में पटकथा की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अब्राहम ने कहा, “एक निर्माता और एक अभिनेता के तौर पर मेरा लक्ष्य सिर्फ अच्छी फिल्म बनाना और ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंचना है।
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