संरक्षित होगा राज्य का बिखरा साहित्य: धामी

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Published By Pawan Singh Kunwar
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देहरादून, अमृत विचार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को आगे बढ़ाया जा रहा है। राज्य सरकार भाषा संस्थान के माध्यम से राज्य के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित, संकलित और पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस योजनाएं बना रही हैं। साथ ही, सरकार स्थानीय भाषाओं और बोलियों के संरक्षण के लिए सतत प्रयास कर रही है।

 मुख्यमंत्री ने सोमवार को उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान-2024 समारोह में साहित्यकारों एवं भाषाविदों को सम्मानित किया। आईआरडीटी परिसर में पुस्तक मेले का भी उद्घाटन किया। उन्होंने उत्तराखंड के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान, उत्तराखंड साहित्य भूषण से सुभाष पंत को सम्मानित करते हुए कहा कि पंत समूचे हिंदी साहित्य जगत के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

कहा कि सरकार हिंदी सहित विभिन्न स्थानीय भाषाओं में ग्रंथ प्रकाशन हेतु साहित्यकारों को अनुदान दे रही है। वर्ष 2023 में 10 उत्कृष्ट साहित्यकारों को 1 लाख रुपए की सम्मान राशि प्रदान की है, इसे विस्तार देते हुए वर्ष 2024 में उत्तराखंड साहित्य भूषण पुरस्कार सहित 21 नए साहित्यिक पुरस्कारों की घोषणा की गई है। 45 लेखकों को भी आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है।  

दो साहित्य ग्राम बनेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि कि सरकार उत्तराखंड को साहित्यिक पर्यटन के केंद्र रूप में विकसित करने हेतु भी प्रयासरत है। उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा दो साहित्य ग्रामों की स्थापना की जा रही है, जहां साहित्यकारों के लिए आवासीय सुविधा, आधुनिक पुस्तकालय, संगोष्ठी कक्ष और अध्ययन स्थल जैसी सुविधाएं विकसित होंगी। 

इन्हें मिला सम्मान
सुमित्रानंदन पंत पुरस्कार-डॉ. दिनेश पाठक, गुमानी पंत पुरस्कार-गोपाल दत्त भट्ट, भजन सिंह पुरस्कार-कुलानन्द घनशाला, गोविंद चातक पुरस्कार-सुनीता चौहान, प्रो. उन्वान चिश्ती पुरस्कार-सगीर उल्लाह, गौरा पंत, शिवानी पुरस्कार-शमा खान, मंगलेश डबराल पुरस्कार-सतीश डिमरी, महादेवी वर्मा पुरस्कार-शशिभूषण बड़ोनी, शैलेश मटियानी पुरस्कार-ललित मोहन रयाल, डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार नीरज कुमार नैथानी, बहादुर बोरा, बंधु पुरस्कार-महेंद्र ठुकराठी, शेर सिंह बिष्ट 'अनपढ़' पुरस्कार-मोहन चंद्र जोशी, भवानीदत्त थपलियाल सती पुरस्कार-वीरेंद्र पंवार, कन्हैयालाल डंडरियाल पुरस्कार-मदन मोहन डुकलाण, गिरीश तिवारी 'गिर्दा' पुरस्कार- डॉ. पवनेश ठकुराठी, विद्यासागर नौटियाल पुरस्कार-अनूप सिंह रावत व भैरत दत्त धूलिया पुरस्कार-एमआर ध्यानी को।

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