लखीमपुर खीरी : लखनऊ से पकड़ा गया बाघ दुधवा में छोड़ा, पिंजड़े से निकलते ही भागा जंगल में हुआ लापता

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Published By Pradeep Kumar
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दुधवा उपनिदेशक सहित कई वनाधिकारी व पशु चिकित्सक भी रहे मौजूद

पलियाकलां, अमृत विचार। लखनऊ में आतंक का पर्याय बने पकड़े गए बाघ को वन विभाग ने गुरुवार को दुधवा नेशनल पार्क की दक्षिण सोनारीपुर रेंज के कोर एरिया के घने जंगल में छोड़ दिया। पिंजडे से निकलने के बाद बाघ दहाड़ लगाते हुए घने जंगल में चला गया।

जंगलों से भटक कर लखनऊ क्षेत्र में पहुंचे बाघ ने पिछले दो माह में कई पालतू पशुओं को अपना शिकार बना रहा था। वहीं कई नागरिक भी बाघ के हमले से घायल हुए थे। इससे दहशत का माहौल था। किसान शाम होने से पहले ही अपने खेतों से निकल कर घरों में आ दुबक जाते थे। काफी दिनों से वनाधिकारी पिंजड़ा लगाकर उसको पकड़ने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन वह चकमा देकर निकल जा रहा था। मंगलवार की रात वह पिंजड़े में बाघ कैद हो गया। जिसका पशु चिकित्सकों ने स्वास्थ्य परीक्षण किया। इसके बाद गुरुवार की सुबह उसे दुधवा नेशनल पार्क लाया गया। दुधवा के पशु चिकित्सक डॉ. दया शंकर एवं डॉ. तलहा ने उसका दोबारा स्वास्थ्य परीक्षण किया। उसके स्वस्थ्य मिलने के बाद वनाधिकारी डॉक्टरों के साथ बाघ को पिंजड़ा समेत लेकर दक्षिण सोनारीपुर रेंज पहुंचे और कोर एरिया के घने जंगलों में ले जाकर छोड़ दिया गया। पिंजड़ा खुलते ही बाघ ने दहाड़ लगाते हुए दौड़ लगाई और देखते ही देखते घने जंगल में गुम हो गया। इस दौरान दुधवा नेशनल पार्क के उपनिदेशक डॉ रंगा राजू टी, एसडीओ महावीर सिंह सहित दक्षिण सोनारीपुर रेंज के रेंजर व लखनऊ से बाघ का पिंजड़ा लाने वाले उपप्रभागीय वनाधिकारी तथा रेंज ऑफिसर सहित विश्व प्रकृति निधि के क्षेत्रीय अधिकारी मौजूद रहे।

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