Yogi राज में बढ़ा महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण; महिलाएं अब बचत, सोना-चांदी ही नहीं, म्यूचुअल फंड निवेश में भी कर रही हिस्सेदारी

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, (मनोज त्रिपाठी)। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की मजबूत तस्वीर उभरकर सामने आई है। प्रदेश का म्यूचुअल फंड में कुल निवेश करीब 3.20 लाख करोड़ रुपये है। इसमें महिला निवेशकों का निवेश 33 फीसदी यानि एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। यह आंकड़ा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में महिला सशक्तिकरण के साथ एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की तरफ मजबूती से बढ़ते कदमों की बड़ी आहट है। 

प्रदेश में महिलाएं अब सिर्फ बचत या सोना-चांदी में निवेश तक सीमित नहीं हैं। म्यूचुअल फंड में तेजी से बढ़ती उनकी भागीदारी वित्तीय स्वतंत्रता की नई कहानी लिख रही है। एम्फी-क्रिसिल फैक्ट बुक की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में महिला निवेशकों का कुल निवेश (एयूएम) हिस्सेदारी 33 फीसदी पहुंच चुकी है, जो देश के औसत के बराबर है। इस तरह हर 100 रुपये में 33 रुपये की निवेशक महिलाएं हैं, जो यह दिखाता है कि वह धन सृजन में न सिर्फ बड़ी भूमिका निभा रही हैं, बल्कि पूरे समाज की आर्थिक दिशा को भी बदलने की क्षमता रखती हैं।

प्रदेश में महिला निवेशकों की भागीदारी बढ़ने का प्रमुख कारण आर्थिक सशक्तिकरण है।  महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर में वृद्धि होने से महिलाओं के पास निवेश योग्य पूंजी बढ़ी है। इसके साथ ही सरकार, एनजीओ और म्यूचुअल फंड कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे वित्तीय साक्षरता अभियान का भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। डिजिटल सुविधा और ऑनलाइन निवेश प्लेटफार्मों की उपलब्धता ने भी महिलाओं को निवेश की तरफ आकर्षित किया है। 

छोटे शहरों की महिलाएं भी वित्तीय स्वतंत्रता में नहीं पीछे 

प्रदेश के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में महिलाओं की निवेश भागीदारी बढ़ रही है। छोटे शहरों में महिलाओं का म्यूचुअल फंड एयूएम साल 2019 के 20 फीसदी से बढ़कर वर्ष 2024 के अंत तक 25 फीसदी से ऊपर हो गया है, जो बताता है कि मेट्रो शहरों के अलावा छोटे शहरों में भी वित्तीय सशक्तिकरण हो रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार महिलाएं लंबी अवधि के निवेशको तरजीह दे रही हैं। 21.3 फीसदी महिला निवेशक पांच साल से अधिक समय तक अपना निवेश बनाए रखती हैं, यह दर 2019 में 8.8 फीसदी थी। आर्थिक सलाहकार राजीव सिंह ने बताया कि महिलाओं का 63.7 फीसदी निवेश इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में है, जो जोखिम सहने की उनकी क्षमता को दर्शाता है। हाइब्रिड फंड्स में 20 फीसदी निवेश है, जो संतुलित जोखिम रणनीति दर्शाता है। इसी तरह महिलाओं का एसआईपी (सिप) में निवेश बीते पांच वर्षों में करीब 320 फीसदी बढ़ा है। इससे स्पष्ट है कि महिलाएं अनुशासित निवेश को प्राथमिकता दे रही हैं।

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