महिलाओं के बांझपन का बड़ा कारण पुरुषों में मानिसक तनाव, विशेषज्ञों ने जताई चिंता, दी यह सलाह...

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Published By Deepak Mishra
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लोहिया संस्थान में आयोजित हुई कार्यशाला में विशेषज्ञों ने साझा की जानकारी

लखनऊ, अमृत विचार। पुरुषों में बढ़ते मानिसक तनाव और धूम्रपान की लत महिलाओं के बांझपन का बड़ा कारण बन गया है। महिलाएं संक्रमण व ट्यूब ब्लॉक होने से बांझपन की शिकार हो रही हैं। डॉक्टरों ने बांझपन के बढ़ते मामलों पर गंभीर चिंता जाहिर की है। समय पर इलाज कराने की सलाह दी है।

डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में शनिवार को द इंडियन फरटीलिटी सोसाइटी यूपी चैप्टर की ओर से कार्यशाला हुई। लोहिया में गायनी विभाग की डॉ. मालविका मिश्र ने कहा कि आधुनिक जीवनशैली से बांझपन की समस्या बढ़ी है। ऐसी 50 प्रतिशत महिलाओं में ट्यूब ब्लॉक की समस्या पाई जा रही है। जननांघ के आस-पास होने वाले संक्रमण को महिलाएं गंभीरता से नहीं लेती हैं। समय पर संक्रमण का इलाज न होने से स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।

संक्रमण ट्यूब तक पहुंच जाता है। नतीजतन ट्यूब ब्लॉक हो जाती हैं। ऐसे में गर्भधारण करने की उम्मीद पर ब्रेक लग जाता है। ऐसे में महिलाओं को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। लेकिन 70 से 80 प्रतिशत महिलाएं कीमती समय बिना इलाज के ही गुजार देती हैं। जबकि समय पर जांच व इलाज से महिलाएं ट्यूब ब्लॉक की समस्या से निजात पा सकती हैं। इलाज से महिलाओं की सूनी गोद भी भर सकती है।

केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डॉ. पुष्पलता शंखवार ने कहा कि धूम्रपान व शराब आदि का सेवन करने वालों में यह समस्या आसानी से पनप आती है। शुक्राणुओं की कम संख्या, खराब गुणवत्ता, हार्मोनल असंतुलन, शारीरिक समस्याएं और आनुवंशिक दोष से भी समस्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि बांझपन की दशा में पुरुष जांच कराने में कतराते हैं। महिलाओं को इसका दोषी मानते हैं। इस मानसिकता से पुरुषों को बाहर आने की जरूरत है। समय पर जांच व इलाज से बांझपन की समस्या से बच सकते हैं।

सही उम्र पर शादी होना जरूरी

डॉ. नीतू सिंह ने कहा कि ट्यूब ब्लॉक का समय पर इलाज नहीं हो पाता है। इसी दौरान उम्र भी बढ़ती है। ऐसे में अंडों की संख्या में कमी आ जाती है। इससे महिलाएं दोहरी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इलाज भी जटिल हो जाता है। लिहाजा समय पर इलाज कराएं। विवाह भी सही उम्र पर करें। 18 से 24 साल की उम्र में शादी करना सबसे अच्छा समय माना जाता है। कार्यक्रम में डॉ. चन्द्रावती, डॉ. गौरव राज, डॉ. पूजा गुप्ता, डॉ. मंजू शुक्ला समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहीं।

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