बदायूं: मकान में चल रहा था अवैध अस्पताल, जांच में खुलासा

बदायूं: मकान में चल रहा था अवैध अस्पताल, जांच में खुलासा

बदायूं, अमृत विचार : नौशेरा में मकान में चल रहे अस्पताल में गलत नस कटने से गर्भवती की मौत हो गई थी। इस मामले की जांच की तो पता चला कि अस्पताल अवैध है। यहां डॉक्टर नहीं है। महिला स्टाफ और वार्ड ब्यॉय भी आसपास रहते है, जो प्रतिदिन रुपये लेकर कार्य करते थे। स्थानीय लोगों के बयान दर्ज कर सीएमओ को रिपोर्ट सौंपी गई है।

ग्राम नौशेरा में एक मकान में चल रहे अस्पताल में गर्भवती की मौत के बाद हंगामा हो गया था। टीम ने अस्पताल को सील कर दिया गया। पीड़ित परिवार ने अस्पताल संचालक सहित छह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले की जांच सीएमओ ने कराई। जांच में पता चला कि अस्पताल में एक भी डॉक्टर प्रशिक्षित नहीं था। महिला स्टाफ और वार्ड ब्यॉय भी आसपास के रहने वाले है। वह प्रतिदिन रुपये लेकर काम करते थे। 

अस्पताल संचालक संभल का रहने वाला है। वहां पर भी उसका एक अस्पताल मकान में चल रहा है। वह खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताता था। इसलिए लोग उसके झांसे में आ जाते थे। संचालक के गुर्गे जिला महिला अस्पताल से महिला मरीजों को अच्छी देखभाल का झांसा देकर अपने अस्पताल ले जाते थे। यहां प्रसव करते थे। इसके बदले उन्हें मोटा कमीशन मिलता था। झोलाछापों के नोडल ने नौशेरा गांव के लोगों के बयान दर्ज कर सीएमओ को रिपोर्ट सौंप दी है। 

जिला महिला अस्पताल के खंगाले जाएंगे कैमरे
जिला महिला अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाएंगे। इससे पता लग सकेगा कि महिला मरीज को कौन झांसे में लेकर गया था। अस्पताल में किन किन से उसकी बात हुई थी। यदि अस्पताल का कर्मचारी इस साजिश में शामिल पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सीएमएस डॉ. इंदु कांत वर्मा ने कहा कि अब बाहरी लोग अस्पताल में नहीं घुस पाएंगे। सुरक्षा गार्डों को निर्देशित किया गया है कि बाहर से आने वालों से पूरी जानकारी लेने के बाद ही उन्हें अंदर आने दिया जाए। यदि किसी प्राइवेट अस्पताल का कर्मचारी यहां घूमता मिला तो सुरक्षा गार्डों की जवाबदेही होगी।

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